भोपाल की पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर को एनआईए कोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट केस में 10 हज़ार रुपये का ज़मानती वारंट जारी करते हुए 13 नवंबर को कोर्ट में पेश होने को कहा था.
कोर्ट के वारंट के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘एक्स’ लिखा है कि वो इन दिनों बीमारियों से जूझ रही हैं.
प्रज्ञा ठाकुर ने लिखा है, “कांग्रेस का टॉर्चर सिर्फ एटीएस कस्टडी तक ही नहीं मेरे लिए ज़िदगी भर का मृत्यु तुल्य कष्ट बन गया है. ब्रेन में सूजन,आँखों से कम दिखना, कम सुनाई देना, बोलने में असंतुलन, स्टेरॉयड और न्यूरो की दवाओं से पूरे शरीर में सूजन… एक हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है. ज़िंदा रही तो कोर्ट ज़रूर जाऊंगी.”
जानकारी की मुताबिक़, प्रज्ञा ठाकुर दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती हैं.
प्रज्ञा ठाकुर साल 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में अभियुक्त हैं. इस मामले में उनपर धमाके की साज़िश रचने के आरोप में यूएपीए के तहत केस चला था.
इस केस की शुरुआती जांच महाराष्ट्र की एटीएस ने की थी. लेकिन साल 2011 में ये मामला एनआईए को सौंप दिया गया था.
29 सितंबर, 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हो गए थे.
प्रज्ञा ठाकुर पिछले काफी समय से कोर्ट में पेश नहीं हुई हैं और हर बार वो अपनी सेहत का हवाला देती रही हैं.