छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। केरलापाल थाना क्षेत्र के उपमपल्ली में हुई मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए। इस ऑपरेशन में डीआरजी और सीआरपीएफ के जवानों ने नक्सलियों के गढ़ में घुसकर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। मुठभेड़ के बाद जब जवान नक्सलियों के शवों को लेकर कैंप लौटे, तो नक्सल ऑपरेशन स्पेशलिस्ट डीआईजी कमल लोचन ने उनका मिठाई खिलाकर स्वागत किया। उन्होंने जवानों की बहादुरी की सराहना करते हुए कहा कि यह सफलता छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम है।
लगातार मिल रही सफलताएँ
डीआईजी कमल लोचन ने कहा कि सुकमा में पहले भी सफल ऑपरेशन हुए हैं। भंडार में 10 नक्सली और बीजापुर के संयुक्त ऑपरेशन में 16 नक्सली मारे गए थे। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में मारे गए नक्सलियों में डिवीजन और एरिया कमेटी स्तर के नक्सली शामिल हैं, जो संगठन की रीढ़ माने जाते हैं।
महिला कमांडो की महत्वपूर्ण भूमिका
डीआईजी कमल लोचन ने कहा कि पिछले 4-5 वर्षों में महिला कमांडो की भर्ती और ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान दिया गया है। अब महिला जवान भी पुरुष जवानों के साथ नक्सल विरोधी अभियानों में कंधे से कंधा मिलाकर लड़ रही हैं।
14 महीनों में 333 नक्सली ढेर, ऑपरेशन तेज
छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से सुरक्षाबलों ने नक्सल विरोधी अभियान को और तेज कर दिया है। पिछले 14 महीनों में 63 मुठभेड़ों में 333 नक्सली मारे जा चुके हैं। इस दौरान भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री भी बरामद की गई है। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियों को कई अहम दस्तावेज भी मिले हैं, जो नक्सली संगठनों के खिलाफ रणनीति बनाने में मददगार साबित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जवानों को दी बधाई
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस ऑपरेशन की सफलता पर जवानों की बहादुरी की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी है। उन्होंने अपने आधिकारिक ‘X’ पर लिखा: “नक्सलवाद के नासूर को खत्म करने की दिशा में छत्तीसगढ़ के बढ़ते कदम… सुकमा जिले के केरलापाल थाना क्षेत्र के उपमपल्ली में सुरक्षाबलों की नक्सलियों के साथ आज जारी मुठभेड़ में अब तक 16 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। मुठभेड़ में डीआरजी के 2 जवान घायल हुए हैं। ईश्वर से शीघ्रातिशीघ्र उनके स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूँ।”
“मानवता विरोधी नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में सुरक्षाबल के जवान नक्सलियों की मांद में घुसकर उसे जड़ से खत्म करने का काम कर रहे हैं। निश्चित ही जवानों को मिली यह कामयाबी सराहनीय है, उनकी बहादुरी को नमन करता हूं। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं माननीय केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के संकल्प के अनुरूप हमारा छत्तीसगढ़ 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद से मुक्त होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।”