निखिल गुप्ता नाम के एक भारतीय नागरिक पर आरोप हैं कि उन्होंने एक भाड़े के हत्यारे को एक लाख डॉलर (लगभग 83 लाख रुपये) कैश के बदले अलगाववादी नेता की हत्या की सुपारी दी थी.
अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू ने अमेरिकी अदालत में पेश किए गए इस मामले पर भारत की प्रतिक्रिया को प्रमुखता से जगह दी है.
‘द हिंदू’ के मुताबिक़ इस मामले में न्यूयॉर्क की एक अदालत में अभियोजन दायर होने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा है कि अमेरिका में खालिस्तानी अलगाववादी की हत्या की साज़िश को भारतीय अधिकारी से जोड़ना ‘चिंता की बात’ है.
‘द हिंदू’ ने सिख अलगाववादी नेता की अमेरिका में हत्या की साज़िश के आरोपों पर भारतीय प्रतिक्रिया की विस्तृत रिपोर्ट छापी है.
अख़़बार लिखता है कि सरकार ने कहा है कि वह निखिल गुप्ता के ख़िलाफ़ अमेरिका में लगे आरोपों की जांच करेगा.
कहा जा रहा है कि निखिल गुप्ता को ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ के फाउंडर गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने के लिए पैसे दिए गए थे.
लेकिन इन आरोपों के बाद भी विदेश में भारतीय एजेंसियों या किसी दूसरे शख्स की ओर से हत्या करवाने के आरोपों को लेकर भारत का आधिकारिक रुख़ नहीं बदला है. भारत ने कहा है ऐसा करवाना भारत की नीतियों के उलट है.
अमेरिका में अदालत में अभियोजन दायर करने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि भारत को उनके देश के आरोपों को ‘गंभीरता’ से लेना चाहिए.
इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसका ये कहते हुए जवाब दिया कि कनाडा ने ‘भारत विरोधी अतिवादियों’ को अपने यहां जिस तरह जगह दी है वही ‘इस समस्या के मूल’ में है.
गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने निखिल गुप्ता के मामले में कहा,‘’अमेरिकी अदालत में भारतीय अधिकारी को हत्या की साज़िश से जोड़ते हुए अभियोजन दायर करने का मामला चिंता की बात है. लेकिन हमने पहले भी कहा और एक बार दोहरा रहे हैं कि ऐसी चीज़ें हमारी सरकार की नीति के उलट है.’’
अमेरिकी अभियोजन में कहा गया है कि सिक्यॉरिटी और इंटेलिजेंस मामलों से जुड़े भारत में बैठे किसी सीनियर भारतीय अधिकारी ने निखिल गुप्ता को ये ज़िम्मा दिया था कि वह पन्नू को मारने का इंतज़ाम करें.
निखिल गुप्ता पर ड्रग्स और हथियार का अवैध कारोबार करने का आरोप है.