यूएस फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफ़डीए) ने चिकनगुनिया जैसी घातक बीमारी के लिए दुनिया की पहली वैक्सीन को मंज़ूरी दे दी है.
मच्छर से पैदा होने वाली इस बीमारी में तेज ज्वर और जोड़ों में दर्द होता है और यह शिशुओं के लिए जानलेवा हो सकती है.
एफ़डीए की मंज़ूरी के बाद उम्मीद है कि जल्द ही यह वैक्सीन पूरी दुनिया में उपलब्ध होगी.
इस समय चिकनगुनिया के इलाज़ के लिए कोई विशेष दवा नहीं है.
इस साल अकेले सितम्बर में ही चिकनगुनिया के चार लाख 40 हज़ार मामले सामने आए और 350 मौतें हुईं.
इस साल दक्षिण अफ़्रीका और दक्षिण एशिया से चिकनगुनिया के सबसे अधिक मरीज थे.
इस वैक्सीन का नाम है इक्सचिक और एफ़डीए के मुताबिक, 18 साल या इससे अधिक उम्र के लोगों को इसे लगाने की मंज़ूरी दी गई है.
इसे यूरोप के वालनेवा ने विकसित किया है और इसका सिंगल शॉट लेना होता है.
2008 में पूरी दुनिया में 50 लाख मामले दर्ज किए गए थे. त्वचा पर खराश, सिरदर्द, मांशपेशियों में दर्द के अलावा इसके लक्षणों में जोड़ों का दर्द भी है जो महीनों या सालों तक बना रह सकता है.