भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई की टीम ने सोमवार सुबह वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे शुरू कर दिया है.
इस टीम में 30 लोग हैं. सर्वे के मद्देनज़र वाराणसी में सुरक्षा के पुख़्ता इंतज़ाम किए गए हैं और मस्जिद के बाहर सुरक्षाबल तैनात हैं.
सर्वे में दोनों पक्षों के वकील भी शामिल रहेंगे.
सर्वे शुरू होने से पहले हिंदू पक्ष के वकील मीडिया से बात करते हुए दिखे.
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए इस मामले में याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्या ने कहा, ”ये बहुत ही गौरवशाली क्षण हैं, हिंदुओं और हिंदू समाज के लिए. ये 10 बिंदुओं को लेकर सर्वे किया जाना है. ये सर्वे ही ज्ञानवापी समस्या का हल है.”
हिंदू पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे वकील सुधीर त्रिपाठी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ”आज सावन का तीसरा सोमवार है. आज से शुरू भी हो रहा है. हम लोगों के लिए अच्छा है. बाबा की कृपा है. सर्वे में चार वादी हैं. चार अधिवक्ता हैं. सर्वे सात बजे शुरू होगा, कितने बजे तक चलेगा इस बारे में बताना मुश्किल है.”
त्रिपाठी बोले, ”जिस लड़ाई को हम लंबे अरसे से लड़ रहे थे, आज वो निर्णायक रूप में आने वाला है.”
इसी मामले में एक और वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा, ”सर्वे एएसआई की टीम करेगी. सारे साक्ष्य हमारे हैं, ये हमें विश्वास है. पूरा मंदिर का ही परिसर है, इसमें कहीं कोई विवाद नहीं है. एक संस्था प्रमाणिक ढंग से अपना सर्वे कर ले. भारत सरकार की संस्था है, ये सर्वे करे. जो प्रमाण आएगा, वो हमारे पक्ष में ही आएगा.”
बीते शुक्रवार को वाराणसी की अदालत मे काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वे किए जाने का आदेश दिया था.
एएसआई सर्वे के ज़रिए येजानने की कोशिश करेगी कि क्या ज्ञानवापी मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी? हिंदू पक्ष की ओर से ये दावा किया जा रहा था कि ज्ञानवापी मस्जिद असल में हिंदू मंदिर के ऊपर बनी है.
मस्जिद में स्थित वजूखाने को सर्वे में शामिल नहीं किया जाएगा. इस जगह को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां शिवलिंग है. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जिसे शिवलिंग कहा जा रहा है वो फव्वारा है.