पुलिस हिरासत में स्वास्थ्य जांच के लिए शनिवार देर राहत कॉल्विन अस्पताल ले जाते समय माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मेडिकल कॉलेज के पास मीडिया कर्मी बनकर आए बाइस सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
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हमलावर तीन लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाते हुए फायरिंग की। घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस तैनाती कर दी गई है। पूरा इलाका छावनी में तब्दील है। एसटीएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है।
शनिवार की रात को पुलिस दोनों का मेडिकल कराने के लिए मेडिकल कॉलेज पहुंची थी। दोनों को पांच दिनों की रिमांड पर लाया गया था। इसी दौरान पुलिस सुरक्षा घेरे में घुसकर तीन हमलावरों ने कई राउंड फायरिंग की। अंधाधुंध गोलीबारी से मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों में भगदड़ मच गई। गोली लगते ही अतीक और अशरद मौके पर ढेर हो गए।
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आपको बता दें कि शनिवार की रात को हमला उस वक्त हुआ जब माफिया अतीक और उसका भाई अशरफ मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे। गुड्डू मुस्लिम को लेकर अशरफ सिर्फ इतना कह पाया कि ‘मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम’ तभी एक हमलावर ने माफिया अतीक के सिर से सटाकर गोली मार दी। इसी दौरान अशरफ को भी गोली मार दी। हमलावरों ने गोलीबारी करने के बाद पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। हमले में एक सिपाही भी गोली लगने से घायल हुआ है।
हमलावरों की पहचान लवलेश तिवारी, शनि और अरुण मौर्य के रूप में हुई है। तीनों बाइक सवार बदमाश मीडिया कर्मी बनकर आए थे। घटना की सूचना पर पुलिस के साथ-साथ प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मौके से तीन पिस्टल व छह खोखे मिले हैं। घटना की सूचना पर सभी थानों की पुलिस को अलर्ट कर दिया गया।
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उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक और उसके भाई अशरफ चार दिन की पुलिस कस्टडी में थे। शनिवार को तीसरे दिन धूमनगंज थाने के लॉकअप में बंद अतीक व अशरफ से एटीएस ने हथियार तस्करी की बाबत पूछताछ की थी।
रात लगभग साढ़े दस बजे जब दोनों को रूटीन मेडिकल चेकअप के लिए कॉल्विन अस्पताल ले जाया जा रहा था। तभी मीडियाकर्मी बनकर तीन बदमाश बाइक से आए और ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी। गोलियां लगने से अतीक व अशरफ लहूलुहान होकर गिर पड़े। एक सिपाही भी घायल हो गया।
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बाद में दोनों को आनन-फानन स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गौरतलब है कि उमेश पाल अपहरण कांड में एमपीएमएलए अदालत ने अतीक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अतीक अहमद पर सौ से अधिक मुकदमे चल रहे हैं।