विधानसभा चुनाव के पहले चरण में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की 20 सीटों पर मंगलवार को मतदान होगा। इनमें बस्तर की 12 और दुर्ग संभाग की आठ सीटों पर कांग्रेस-भाजपा में मुकाबला है। इनमें पांच प्रमुख चेहरों पर सभी की नजर है। ये हैं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, मंत्री मोहम्मद अकबर, भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लता उसेंडी और मंत्री कवासी लखमा।
पहले चरण में सबसे हॉट सीट राजनांदगांव में तीन बार के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सामने कांग्रेस ने गिरीश देवांगन को उतारा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सहपाठी गिरीश पहली बार चुनाव मैदान में हैं। छह विधानसभा और एक लोकसभा चुनाव जीत चुके रमन सिंह जैसे अनुभवी नेता के सामने यह उनकी अग्निपरीक्षा होगी। रायपुर के रहने वाले गिरीश को टिकट देने से स्थानीय दावेदारों में खासी नाराजगी है। भाजपाई भी सत्ता विरोधी लहर का फायदा उठाने की कोशिश में हैं।
ध्रुवीकरण में फंस गए कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर
कवर्धा सीट पर पिछले चुनाव में 56 फीसदी से अधिक मत हासिल कर जीत दर्ज करने वाले कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर इस बार ध्रुवीकरण में फंस गए हैं। उनके सामने हैं भाजपा के विजय शर्मा, जो संगठन में पदाधिकारी भी हैं। वर्ष 2021 में धार्मिक झंडा लगाने को लेकर भड़की सांप्रदायिक हिंसा में वह कट्टर हिंदूवादी चेहरा बनकर उभरे। दो माह जेल के बाद फिलहाल जमानत पर हैं। विजय के पक्ष में हिंदू समुदाय लामबंद है। उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अब तक लाखों रुपये का चंदा भी मिल चुका है।
छठी बार मैदान में…लखमा
तेलंगाना और ओडिशा सीमा से लगती विधानसभा सीट कोंटा को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। सुकमा जिले की यह इकलौती सीट है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा लगातार छठी मैदान में हैं। वहीं, भाजपा ने नए चेहरे सोयम मुका पर दांव खेला है। लखमा की राह इस बार आसान नहीं नजर आ रही। रेड्डीपाल, दरभागुड़ा और गादीरास समेत कई क्षेत्रों में आदिवासी उनका विरोध कर रहे हैं। यहां आदिवासी मतदाताओं की संख्या लगभग 80 फीसदी है।
भितरघात में फंसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बैज
चित्रकोट से कांग्रेस ने आदिवासी चेहरे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद दीपक बैज को मैदान में उतारा है। भाजपा ने उनके सामने विनायक गोयल पर दांव खेला है। टिकट वितरण से असंतोष के चलते यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों के सामने भितरघात का खतरा है। दीपक 2018 में भी यहीं से विधायक निर्वाचित हुए थे। 2019 में बस्तर से लोकसभा चुनाव जीता
मोहन लगाएंगे हैट्रिक या लता लेंगी बदला
कोंडागांव से भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लता उसेंडी और प्रदेश के मंत्री मोहन मरकाम लगातार चौथी बार आमने-सामने हैं। मोहन के सामने जीत की हैट्रिक लगाने तो लता के सामने लगातार तीसरी हार का क्रम तोड़ने की चुनौती है। यहां 2008 में लता ने मोहन को हराया था। उसके बाद 2013 और 2018 में मोहन ने लता को शिकस्त दी थी।