राजनांदगांव में दिखा ब्लैक पैंथर:छुरिया के मां दंतेश्वरी पहाड़ी पर मूवमेंट, दहशत में मंदिर बंद; लोग बोले-सड़क पास की चट्टानों पर आराम करता है

राजनांदगांव में दिखा ब्लैक पैंथर:छुरिया के मां दंतेश्वरी पहाड़ी पर मूवमेंट, दहशत में मंदिर बंद; लोग बोले-सड़क पास की चट्टानों पर आराम करता है

छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव जिले के छुरिया नगर पंचायत के मां दंतेश्वरी मंदिर के आसपास पहाड़ी पर ब्लैक पैंथर (काला तेंदुआ) नजर आया है। काले तेंदुए की मौजूदगी से मां दंतेश्वरी मंदिर को बंद कर दिया गया है। वन विभाग के अधिकारी इलाके में काले तेंदुए की मूवमेंट से इनकार कर रहे हैं। इधर, काले तेंदुए की मौजूदगी से स्थानीय लोग डरे हुए हैं।

दरअसल, छुरिया नगर पंचायत के मां दंतेश्वरी मंदिर के आसपास पिछले कई दिनों से तेंदुआ पहाड़ी क्षेत्र में घूमता नजर आ रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, तेंदुआ रोजाना शाम करीब 5 बजे मुख्य सड़क के पास की चट्टानों पर आराम करता दिखाई देता है।

स्थानीय रहवासियों ने जब इसकी जानकारी वन विभाग को दी तो इस पर ध्यान नहीं दिया गया। स्थानीय लोगों ने जब इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया तो वन विभाग हरकत में आया।

वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन वहां काले तेंदुए के कोई निशान नहीं मिले। विभाग ने इलाके में काले तेंदुए की मौजूदगी से इनकार किया है। हालांकि, इलाके में निगरानी बढ़ाने की बात कही है।

क्षेत्रवासियों का आरोप है कि विभाग की लापरवाही से किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। बच्चों के स्कूल जाने से लेकर मवेशी चराने तक हर काम खतरे के साए में हो रहा है। एक हफ्ते से ज्यादा बीतने के बाद भी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। ऐसे में लोगों में नाराजगी और डर दोनों बढ़ गई है।

काला तेंदुआ अपनी खाल में मेलेनिन की अधिक मात्रा के कारण पूरी तरह काला दिखता है। करीब से देखने पर इस पर सामान्य तेंदुए जैसे चित्तीदार पैटर्न भी नजर आते हैं। भारत में इस प्रजाति को मुख्य रूप से कर्नाटक के काबिनी वन क्षेत्र में देखा जाता है।

सोशल मीडिया पर काले तेंदुए की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। कुछ लोग इसे अशुभ संकेत मान रहे हैं। वन विभाग के अधिकारी इस मामले में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहे हैं। इससे लोगों में भय और आक्रोश बढ़ रहा है।

वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि काले तेंदुए का इस इलाके में दिखना दुर्लभ जरूर है, लेकिन इसके प्रवासन (migration) पैटर्न को देखते हुए यह समझना जरूरी है कि पहाड़ी क्षेत्र में तेंदुए के लिए पर्याप्त आहार होना चाहिए। अगर उसे पर्याप्त भोजन नहीं मिलेगा, तो वह मवेशियों और इंसानों की ओर आकर्षित हो सकता है, जिससे खतरे की संभावना बढ़ जाएगी।

विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इलाके में ट्रैप कैमरे लगाए जाएं ताकि तेंदुए की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। इससे उसकी मूवमेंट का पता चल सकेगा और सुरक्षा के उपायों को बेहतर किया जा सकेगा।

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