बुलडोजर – का कोई धर्म, मज़हब नही होता, मुम्बई में प्राचीन जैन मंदिर को किया ध्वस्त !

बुलडोजर – का कोई धर्म, मज़हब नही होता, मुम्बई में प्राचीन जैन मंदिर को किया ध्वस्त !

मुंबई के विले पार्ले (ईस्ट) के कांबलीवाड़ी में वर्षो पुराना पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर को बीएमसी ने 16 अप्रैल को आनन – फानन में ढ़हा दिया। गौरतलब है कि मंदिर के ट्रस्टी अनील शाह के मुताबिक इस हैरतअंगेज कार्रवाई से पहले नगर निगम ने नोटिस तो दिया लेकिन प्रावधानुसार मोहलत नही दिया। डबल इंजन सरकार के इस बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जैन समाज ने स्थानीय सिविल न्यायालय में स्थगन के लिए आवेदन दायर किया। जैन समाज के आवेदन पर न्यायालय ने अपने क्षेत्राधिकार का उल्लेख करते हुए हाईकोर्ट जाने की मौखिक सलाह मंदिर समिति को दे दिया। जैन मंदिर समिति की याचिका फिलवक्त महाराष्ट्र हाईकोर्ट में अभी अवलम्बित है।

हाईकोर्ट के निर्णय की प्रतीक्षा सरकार के नगर निगम द्वारा किए जाने से लाखों जैन अल्पसंख्यकों की आस्था मर्माहत नही होती !

समान नागरिक संहिता और एक देश एक कानून का जाप करने वाली सरकार लगता है, बुलडोजर कार्रवाही को ही अपना परम न्यायधर्म मान लिया है। सरकार के बुलडोजर कार्रवाई से आहत होकर जैन समुदाय के 108 से अधिक संगठनों के हजारों – हजार अहिंसा परमो धर्म: का अनुसरण करने वाले असीम शांति और करूणा वाले मुखमण्डल पर सरकार के बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ विराट आपत्ति और आक्रोश स्पष्ट दिखाई दे रहा था।

दिल्ली में नवकार महामंत्र महोत्सव में सौ देशों के जैन धर्मावलम्बि के बीच प्रधानमंत्री का प्रवचन !

पिछले दिनों मध्यप्रदेश नीमच के हनुमान मंदिर में तीन जैनमुनि अपने दैनंदिन यात्रा पश्चात रात्रि विश्राम कर रहे तब चित्तौड़गढ़ ( राजस्थान ) के गणपत नायक, गोपाल भोई, कन्हैयालाल, राजू भोई और बाबू शर्मा छिनताई – राहजनी करने वाले बदमाशों ने मंदिर में घूसकर जैनमुनियो से मार-पिटाई करते हुए रूपयों की मांग करने लगे मुनिगण कहते रहे कि हमारा भौतिक धन – सम्पत्ति से कोई वास्ता नहीं है, फिर भी बदमाश बाज नही आए जैन मुनियों को परेशान करते रहे। किसी माध्यम से जानकारी होने पर जब जैन धर्म के लोग हनुमान मंदिर पहुंचने लगे तब बदमाश भाग खड़े हुए।

नवकार महामंत्र महोत्सव में सौ देशों से आए जैन धर्मावलम्बियो को प्रधानमंत्री ने अपने टेलीप्राॅम्टर के माध्यम से सम्बोधित किया, महोत्सव में उपस्थित लोगों ने खूब ताली बजाया। लेकिन अपने ही देश के में जैनमुनियो के साथ बदमाश बेइज्जती – अनादर करने में सफल हो जाते हैं, जैन मुनियों का अपमान भी सरकार की असफलता है। इधर मुम्बई में महाराष्ट्र सरकार, प्राचीन जैन मंदिर को बुलडोजर से जमींदोज कर रही है।

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