मुकाबला बराबरी का नही है, फिर भी हमें लड़ना होगा। जालिमों के लाव – लश्कर का सामना अपने हाथों के नाखूनों और कुदरत सुलभ पत्थर से करना होगा।
शेख अंसार की कलम से.... मजदूर कारखाने से गैर कानूनी तरीके से निकाल दिये जाते हैं, दलित, समाज में दोयम दर्जे के नागरिक कहलाते हैं, आदिवासी जंगल से उजाड़े जा रहे हैं, अल्पसंख्यकों के मकान…