– CGMSC scam EOW अफसरों ने बताया गया है कि ब्लड सैंपल कलेक्शन करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली 8.50 रुपए की EDTA ट्यूब को मोक्षित कॉरपोरेशन से 23.52 रुपए प्रति नग के भाव से खरीदा गया।
– छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन यानी CGMSC के अफसरों ने बेखौफ होकर घोटाले को अंजाम दिया। EOW की ओर से दर्ज FIR में बताया गया है कि ब्लड सैंपल कलेक्शन करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली EDTA ट्यूब को जो मार्केट में 8.50 रुपए में उपलब्ध है, उसे मोक्षित कॉरपोरेशन से 23 .52 रुपए प्रति नग के भाव से खरीदा।
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन ने मोक्षित कॉर्पोरेशन और सीबी कॉर्पोरेशन से मिलीभगत कर जनवरी 2022 से 31 अक्टूबर 2023 तक अरबों रुपए की खरीदी की है। इसके अलावा मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन ने 300 करोड़ रुपए के रीएजेंट भी खरीद लिए गए। इस मामले में EOW ने शुक्रवार रात बसंत कौशिक, डॉ अनिल परसाई, शिरौंद्र रावटिया, कमलकांत पाटन कर और दीपक बांधे को गिरफ्तार कर शनिवार कोर्ट में पेश किया ।
CGMSC की ओर से मोक्षित कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड से 300 करोड़ रुपए के रीएजेंट क्रय कर राज्य के 200 से भी ज्यादा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भेज दिया गया, जबकि उन स्वास्थ्य केन्द्रों में उक्त रीएजेंट को उपयोग करने वाली CBS मशीन ही नहीं थी।
रीएजेंट की एक्सपायरी मात्र दो से तीन माह की बची हुई थी और रीएजेंट खराब न हो, इसलिए छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन 600 फ्रिज खरीदने की भी तैयारी में लगी थी।
खरीदी की प्रकिया महीनेभर में पूरी FIR में बताया गया है कि, शासन को संज्ञान में लाए बिना लगभग 411 करोड़ की खरीदी की गई। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन ने खरीदी के लिए केवल 26-27 दिन के अंतराल में आदेश जारी किया था।
इन रीएजेंट की रख-रखाव की कोई व्यवस्था नहीं थी, फिर भी स्वास्थ्य केन्द्रों में स्टोर करा दिया गया। वहीं CGMSC के अधिकारियों की ओर से रीएजेंट सप्लाई करने वाली कंपनी को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने की शासन की प्रक्रिया का पालन न करते हुए खरीदी की गई।
उल्लेखनीय है कि रीएजेंट का उपयोग अलग-अलग बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह एक तरह का विशेष केमिकल होता है, जिसे ब्लड के सैंपलों में मिलाकर जांच की जाती है। खून से संबंधित तमाम तरह की जांच में रीएजेंट का उपयोग होता है।