छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में अव्यवस्था, टोकन नहीं कटने से केंद्र से मायूस लौट रहे किसान

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में अव्यवस्था, टोकन नहीं कटने से केंद्र से मायूस लौट रहे किसान

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू हुए एक सप्ताह होने को है, लेकिन खरीदी केंद्रों पर ऑफलाइन टोकन की कमी और बारदानों की समस्या से किसान परेशान हैं। राइस मिलरों ने बकाया भुगतान न होने तक कस्टम मिलिंग बंद कर दी है। अब तक सरकार ने राइस मिलरों का पंजीयन भी नहीं किया है, जिससे खरीदी प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

छत्‍तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू हुए लगभग एक सप्ताह होने को है और खरीदी केंद्रों में दिक्कतें भी सामने आने लगी है। बहुत से खरीदी केंद्रों में किसानों को ऑफलाइन टोकन नहीं मिल रहा है तो कुछ सोसाइटियां अभी से बारदानों की कमी से जूझने लगी है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के राइस मिलरों ने भी अपना असहयोग शुरू कर दिया है और बकाया भुगतान होने तक कस्टम मिलिंग नहीं करने का फैसला किया है।

जानकारी के अनुसार अभी तक राज्य सरकार भी राइस मिलरों के पंजीयन के लिए पहल नहीं कर रही है । धान खरीदी केंद्रों को राइस मिलर्स करीब 60 लाख बारदाने उपलब्ध कराते है। इस वर्ष अभी तक राइस मिलरों का पंजीयन नहीं हो पाया है।

राइस मिलरों का कहना है कि आने वाले दिनों में परेशानी और बढ़ेगी और सोसाइटियों को बारदानों की कमी से जूझना भी पड़ सकता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को मांगों को लेकर पत्र भी लिखा है। अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने कहा कि बकाया भुगतान नहीं मिलने के कारण राइस मिलरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

टोकन नहीं मिलने से परेशान हो रहे किसान
लगभग सभी जिलों में खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान बेचने टोकन लेने किसान परेशान है। ऑनलाइन टोकन एप रोजाना सुबह 9.30 बजे खुलता है और 10 से 15 मिनट में ही सारे समितियों के टोकन कट जाते है। इसके चलते समितियों से किसानों को मैनुअल टोकन नहीं मिल पा रहा है। किसानों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। किसानों को पांच दिसंबर तक टोकन दिया जा चुका है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार किसानों को धान की कीमत 3,100 रुपये प्रति क्विंटल और प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने से बचना चाहती है। जानबूझकर खरीदी केंद्रों में अव्यवस्थास्था निर्मित की है पिछले तीन दिनों में 68,688 किसानों से मात्र तीन लाख टन धान की खरीदी हुई है। जो भाजपा सरकार के धान खरीदी में अरुचि को दर्शाता है।

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