Chhattisgarh budget session का चौथा दिन है। राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा जारी है। बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा जब आप राज्यपाल को नहीं मानते तो अभिभाषण पर चर्चा क्यों करा रहे हैं। राज्यपाल को कोर्ट का नोटिस नहीं दिया जा सकता। उस न्यायाधीश को भी शर्म आनी चाहिए, जिसने राज्यपाल को नोटिस जारी किया है। इस पर मंत्री रविंद्र चौबे ने पूछा-किसको शर्म आनी चाहिए। किसने नोटिस जारी किया है।
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सदन पर क्या हुआ
1-सदन में मंत्रियों और अफसरों की उपस्थिति का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने अपनी बात शुरू की। कहा- भाजपा कार्यालय के बाहर राजभवन बोर्ड लगा है। अभी तक नहीं हटा है। कहां है शासन प्रशासन।
2-सदन में बहुमत का आपातकाल है। बेरोजगारी पर चर्चा नहीं कर सकते, कार्यकर्ताओं की हत्या पर चर्चा नहीं कर सकते।
3-राज्यपाल को भाजपा का एजेंट बताया गया। हमसे कहते हैं कि राज्यपाल के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव दीजिए।
4-सरकार बहुमत के बोझ से चरमरा गई है। अपने ही बोझ से दब चुकी है।
5-कलेक्टर विधायक को आदेश है कि इस विधायक और मंत्री की बात नहीं सुननी है। एक मंत्री इसीलिए अपना विभाग छोड़ देता है। विधायक धरने पर बैठता है।
6-क्या हो रहा है बस्तर के शमशान घाट में। बुजुर्ग को दफनाने नहीं दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ की मूल संस्कृति आदिवासी है।
7-सरकार को शर्म आना चाहिए कि राज्यपाल के खिलाफ याचिका लगाई गई।
8-कवर्धा में कल एसपी समेत 25 पुलिसकर्मियों का सिर फूटा है।