छत्तीसगढ़ में लंबे अरसे से ‘महादेव’ का प्रकोप छाया हुआ है। इस प्रकोप की जद में कांग्रेस के कई बड़े नेता भी आ गए हैं और इसकी तपन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक भी पहूंच चुकी है। ‘महादेव’ के इस प्रकोप के बीच छत्तीसगढ़ के कई दिग्गज नेता बाबा महाकाल की शरण में पहुंच गए हैं । और ‘शांति’ के लिए अनुष्ठान करा रहे हैं। राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के लोग इस मुद्दे पर चटखारे ले लेकर किस्सागोई करने में लग गए हैं । छत्तीसगढ़ राज्य में सियासी तूफान लाने वाला यह प्रकोप असल महादेव ने नहीं, बल्कि महादेव ऑनलाइन सट्टा एप ने फैलाया है। महादेव एप की आड़ में इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) की टीम चुन चुनकर कांग्रेस नेताओं को निशाना बना रही है। ईडी की कार्रवाई की जद में कांग्रेस के कई बड़े नेता, कुछ आईपीएस अफसर, एक सिपाही व जनप्रतिनिधि आ चुके हैं। बड़े नेता देवों की शरण में महादेव एप को लेकर छत्तीसगढ़ में मचे सियासी तूफान और ईडी की छापेमारी के बीच राज्य के तीन बड़े नेता महाकाल की शरण में पहुंच गए। ये नेता हैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद दीपक बैज, निवर्तमान आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा तथा बस्तर विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल। सबसे पहले कवासी लखमा अपनी धर्मपत्नी के साथ उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने महाकाल की पूजा अर्चना की। उनके बाद पीसीसी चीफ और सांसद दीपक बैज अपनी अर्धांगिनी पूनम बैज एवं पुत्र सूर्यांश के साथ महाकाल लोक पहुंचे और वहां ज्योतिर्लिंग की पूजा आराधना की। फिर बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल भी उज्जयनी नगरी जा धमके। श्री बघेल ने भी वहां देवपूजन किया। इन तीनों नेताओं ने भगवान महाकाल से छत्तीसगढ़ की तरक्की, खुशहाली, सुख शांति के लिए प्रार्थना की। कवासी लखमा महाकाल के दर्शन पूजन के बाद मध्यप्रदेश के ही ओंकारेश्वर धाम भी गए।
निकाले जा रहे सियासी मायने
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख व सांसद दीपक बैज, कवासी लखमा व लखेश्वर बघेल की इस पवित्र तीर्थयात्रा के भी अब सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। भाजपा के कुछ नेता इस देव आराधना को राजनीतिक रंग देने की कोशिश में लग गए हैं। देवों के देव महादेव के रूप में जग प्रसिद्ध भगवान भोलेनाथ हर संकट को हर लेते हैं। उनके ज्योतिर्लिंग के दर्शन पूजन से जीवन में सुख समृद्धि आती है, मन को शांति मिलती है। भाजपा के नेता कहते फिर रहे हैं कि महादेव एप के पाप से अपनी पार्टी और अपने नेता को मुक्ति दिलाने के लिए बस्तर के तीनों बड़े नेता देवाधि देव महादेव की शरण में पहुंचे हैं। भाजपाइयों के इस दुष्प्रचार को बस्तर के आदिवासी भलिभांति समझ रहे हैं। दीपक बैज, कवासी लखमा और लखेश्वर बघेल भी आदिवासी हैं। वे अपने आराध्य की आराधना करने गए हैं।