एक हफ्ते से लगातार बारिश होने से किसानों के चेहरे पर चमक आ गई है। प्रदेश में लगातार बारिश के बाद कम वर्षा वाले जिलों की संख्या में भी कमी आई है। यह संख्या 22 जिलों से घटकर अब 10 जिलों तक सिमट कर रह गई है। जलाशयों में पानी भरने से किसानों को बारिश के बाद खेतों की सिंचाई में कोई परेशानी नहीं होगी।
प्रदेश में लगातार बारिश से किसानों को संजीवनी मिली है। बड़े-छोटे जलाशयों में 50 प्रतिशत से अधिक पानी भर चुका है। प्रदेश में 12 बड़े जलाशय हैं। इनमें जलभराव की स्थिति पर गौर करें तो बिलासपुर के खारंग जलाशय में 28 जुलाई की स्थिति में 100 प्रतिशत जलभराव हो चुका है।
प्रदेश में लगातार बारिश के बाद कम वर्षा वाले जिलों की संख्या में भी कमी आई है। 22 जिलों से यह संख्या घटकर अब 10 जिलों तक सिमट कर रह गई है। गंगरेल में 62 प्रतिशत जलभराव हो चुका है। सिकासर में 89 प्रतिशत, मुरुमसिल्ली में 64 व मनियारी में 76 प्रतिशत तक जलभराव की स्थिति देखने को मिल रही है।
प्रदेश के 33 जिलों में कुल बारिश की स्थिति पर गौर करें, तो पिछले वर्ष की तुलना में अब तक आठ प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है। एक हफ्ते पहले प्रदेश के जलाशयों में 34 प्रतिशत ही जलभराव था, जो कि अब 55.26 प्रतिशत हो चुका है।
सरगुजा में 59 प्रतिशत कम बारिश
एक जून से 28 जुलाई तक की स्थिति पर गौर करें, तो सरगुजा में अब तक 59 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है। बारिश के मौजूद हालात में सरगुजा की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। इसके अलावा लगातार बारिश के बाद भी सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 41 प्रतिशत, सूरजपुर में 41 प्रतिशत, मनेंद्रगढ़-भरतपुर में 33 प्रतिशत और जशपुर में 49 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है।