रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में प्रेस से बात करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ को भारत सरकार द्वारा 8 लाख 46 हजार 931 प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। उन्होंने इसे प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि इससे लाखों गरीब परिवारों को अपने सिर पर छत का सपना साकार करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 5 वर्षों में छत्तीसगढ़ के 18 लाख से अधिक गरीब परिवार प्रधानमंत्री आवास योजना से वंचित रह गए थे क्योंकि तत्कालीन सरकार ने इस योजना के लिए आवश्यक राज्यांश 40 प्रतिशत जमा नहीं किया था। इस वजह से इन गरीब परिवारों का हक छीना गया था। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि “हमारी सरकार ने 13 दिसंबर 2023 को शपथ ली और अगले ही दिन 14 दिसंबर को हमारे पहले कैबिनेट बैठक में 18 लाख प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति प्रदान कर दी गई। राज्यांश की व्यवस्था भी तुरंत की गई।
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि नए वित्तीय वर्ष के बजट में छत्तीसगढ़ को 8 लाख 46 हजार 931 प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति भारत सरकार से मिली है, जिसमें एसईसीसी 2011 के अंतर्गत 6 लाख 99 हजार 331 आवास और 1 लाख 47 हजार 600 आवास प्लस शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि “मैं छत्तीसगढ़ के 3 करोड़ जनता और विशेषकर प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित होने वाले सभी लोगों की तरफ से प्रधानमंत्री जी को बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव उपस्थित थे।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री जनमन योजना का भी जिक्र किया करते हुए कहा कि विशेष पिछड़ी जनजाति जिन्हें राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र भी कहते हैं उनके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 24 हजार 64 आवास की स्वीकृति की गई है, जिनमें से कई पूर्ण हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि जनवरी से लेकर अब तक 1 लाख 99 हजार प्रधानमंत्री आवासों का निर्माण किया जा चुका है और मोदी जी की गारंटी के अनुसार 18 लाख आवासों का निर्माण समयबद्ध रूप से पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि निय्यद नेलानार योजना “आपका अच्छा गांव” के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित और आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 10,000 से अधिक अतिरिक्त आवासों की स्वीकृति के लिए ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की गई है, जिसे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है।