कमीशनखोरी और भष्ट्राचार ने जमीन पर गिरा दिया !शौर्यपुरुष छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा

कमीशनखोरी और भष्ट्राचार ने जमीन पर गिरा दिया !शौर्यपुरुष छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा

सैकड़ों लड़ाईयां और युद्ध जीतने वाले शौर्यपुरुष छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा को आज के सत्ताधीशों के कमीशनखोरी और भष्ट्राचार ने जमीन पर गिरा दिया !

सेना दिवस 4 दिसम्बर 2023 को छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फीट ऊंची प्रतिमा महाराष्ट्र के सिन्धुदुर्ग के राजकोट किला में स्थापित की गयी। जिसका अनावरण – उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया। बकौल मुख्यमंत्री एकनाथ शिन्दे 45 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा के दबाव से शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर गयी।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिन्दे हवा-हवाई तो बात कर ली लेकिन यह सच्चाई कैसे बतायेंगे कि 3600 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित होने वाली इस प्रतिमा निर्माण की परियोजना का ठेका अपने सांसद पुत्र श्रीकांत शिन्दे के परममित्र 24 वर्षीय जयदीप आप्टे ( जिनको प्रतिमा निर्माण का कोई अनुभव नही है ) को दिलवाया था।

शिवाजी महाराज तो वहीं है। हां, प्रधानमंत्री जरूर अलग – अलग है। 1957 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने प्रतापगढ़ में शिवाजी महाराज की प्रतिमा का उद्घाटन किया था। प्रतापगढ़ की प्रतिमा 67 वर्षो पश्चात शौर्य और उर्जा का प्रेरणास्रोत बनकर सुरक्षित है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा उद्घाटित प्रतिमा 266 दिनों में ही भरभरा कर गिर गयीं।

कुदरत के हवा पानी के बहाने का सहारा लेकर कब तक अपने भष्ट्राचार को छिपाते – ढंकते रहोगे ? ये पब्लिक है सब जानती है।

11 अक्टूबर 2022 को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उज्जैन महाकाल मंदिर में सप्तऋषि के प्रतिमाओ की श्रृंखला का उद्घाटन किया था, वह हवा के एक झोंके से खण्डित होकर गिर गयीं। यह भी कुदरत का करिश्मा है, कि उस खण्डित प्रतिमाओ की ओट में श्रद्धालु जन आंधी से अपने आप को बचाते रहे।

एक ही बारिश में अयोध्या के मंदिर से पानी टपकने लगी। एक ही बारिश में लोकतंत्र के मंदिर नये संसद भवन के छत से पानी टपकने लगी। पहली ही बारिश में अयोध्या का रामपथ दरक गया। दिल्ली एयरपोर्ट का एक बड़ा हिस्सा हवा के झोंके में ताश के पत्ते के मानिंद भर भराकर गिर गया।

रामपथ की लाईटें चोरी हो गई, अटल सेतू के रैम्प में दरारें आ गई। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे में 15 फीट गहरी खाई बन गयीं, यदि ध्यान हटी तो सैकड़ों गाड़ियां समा जायेगी। ऐसे कई परियोजनाओं का उदाहरण दिया जा सकता है, जिसके उद्घाटन और समापन की खबरें आगे – पीछे आते रहती हैं।

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