कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को कहा है कि वह 18 से 22 सितंबर तक चलने वाले संसद के विशेष सत्र में रचनात्मकता के साथ भाग लेगी.
हालांकि, वह चाहेगी कि पांच दिनों तक चलने वाले इस सत्र के दौरान जनता से जुड़े मुद्दे भी उठाए जाएं.
समाचार एजेंपी पीटीआई के मुताबिक़, कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह संसद में सिर्फ ‘मोदी चालीसा’ सुनने के लिए नहीं बैठेगी.
कांग्रेस पार्टी ने ये फ़ैसला सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान किया जिसमें दोनों सदनों में मौजूद पार्टी नेता भी शामिल हुए.
ये बैठक खड़गे के घर पर मंगलवार शाम इंडिया गठबंधन की बैठक से ठीक पहले हुई है.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पत्रकारों से कहा है कि “ये पहला मौका है जब सरकार की ओर से सत्र शुरू होने से पहले विपक्षी दलों को भरोसे में रखते हुए एजेंडे पर चर्चा नहीं की गयी है.”
उन्होंने कहा, “जब कभी विशेष सत्र बुलाया जाता है तो सभी पार्टियों को इसके विषय की जानकारी दी जाती है. एक एजेंडा तय किया जाता है. लेकिन हमने पहली बार देखा है कि पार्टियों से विचार-विमर्श के बिना अचानक सत्र बुलाया गया है. यह सत्र केवल लोगों का ध्यान भटकाने के लिए बुलाया गया है. इंडिया गठबंधन से जुड़े दल इस सत्र में भाग लेेंगे, लेकिन हम चाहते हैं कि इसमें जनता के मुद्दों पर बात हो.”
जयराम रमेश ने कहा है कि ‘पांच दिन तक चलने वाला सत्र है जिस दौरान आर्थिक, राजनीतिक और विदेश नीति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए. सिर्फ मोदी चालीसा के लिए हम बैठने वाले नहीं हैं.’