लोकसभा चुनाव से पहले भ्रष्टाचार के मामले में चौतरफा घिरी छत्तीसगढ़ कांग्रेस बैकफुट पर है। विधानसभा चुनाव 2023 में करारी हार के बाद कांग्रेस की मुश्किलें अब और भी बढ़ गई हैं। दरअसल, महादेव आनलाइन सट्टा एप मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ नामजद एफआइआर होने बाद प्रदेश में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है।
लोकसभा चुनाव से पहले भ्रष्टाचार के मामले में चौतरफा घिरी छत्तीसगढ़ कांग्रेस बैकफुट पर है। विधानसभा चुनाव 2023 में करारी हार के बाद कांग्रेस की मुश्किलें अब और भी बढ़ गई हैं। दरअसल, महादेव आनलाइन सट्टा एप मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ नामजद एफआइआर होने बाद प्रदेश में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है।
लोकसभा चुनाव के लिए चल रही सभाओं व जनसंपर्क अभियान के दौरान भाजपा लगातार कांग्रेस पर हमलावर है। विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने कुछ इसी तरह से भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाया था। महादेव एप मामला समेत कोयला घोटाला, शराब घोटाला, चावल घोटाला, डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड घोटाले में कई कांग्रेसियों के नाम आने के बाद पार्टी संकट के दौर से गुजर रही है।
कांग्रेस ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल को प्रदेश की राजनांदगांव लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में भूपेश की मुश्किलें बढ़ने के साथ-साथ पार्टी के लिए संकट के बादल छा गए हैं। महादेव एप मामले में जहां भूपेश कटघरे में हैं तो वहीं कोयला घोटाला मामले में कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव समेत कई नेताओं की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है।
देवेंद्र को कांग्रेस बिलासपुर लोकसभा से प्रत्याशी बनाने की तैयारी में है। इसके अलावा पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व मंत्री कवासी लखमा समेत अन्य विधायकों पर भी भ्रष्टाचार के मामले की जांच छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) या आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) में चल रही है। दो हजार करोड़ से अधिक का शराब घोटाला ईडी की जांच के बाद प्रदेश में 2,161 करोड़ के शराब घोटाले में 35 व्यक्तियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज है।
ईडी की जांच में कांग्रेस के बड़े नेता
ईडी की जांच में कांग्रेस के बड़े नेताओं में पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व मंत्री कवासी लखमा, कांग्रेस के पूर्व विधायक यूडी मिंज, सेवानिवृत्त आईएएस अनिल टुटेजा, पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड,कारोबारी अनबर ढेबर समेत अन्य आइएएस-आइपीएस अफसरों के नाम शामिल हैं। 540 करोड़ के कोयला घोटाले में भी कई कांग्रेसी।
शराब घोटाले की तरह ही प्रदेश में ईडी ने 540 करोड़ के कोयला घोटाले में भी कुल 70 व्यक्तियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर रखा है। इनके खिलाफ ईओडब्ल्यू में भी जांच चल रही है। कोयला घोटाले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, कांग्रेस नेता विनोद तिवारी और कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह, पूर्व विधायक चंद्रदेव राय समेत पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड, राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया, आइएएस रानू साहू और आइएएस समीर बिश्नोई के नाम भी शामिल हैं।
तीनों अधिकारी जेल में हैं। गौरतलब है कि ईडी ने छत्तीसगढ़ में 540 करोड़ के कोयला लेवी घोटाले का खुलासा किया था। ईडी के मुताबिक कोयले के परिवहन को लेकर अधिकारियों, कारोबारियों और राजनेताओं का एक कार्टेल बनाया गया था। जो कोयले के ट्रांसपोर्टेशन के लिए प्रति टन 25 रुपये की वसूली करता था।
कांग्रेस जहां वहां भ्रष्टाचार
महादेव एप मामले में पहले से ही ईडी जांच कर रही थी। ईडी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर अभी एफआइआर हुई है। असीम दास की गिरफ्तारी के समय उनका बयान और शुभम सोनी के बयान में भूपेश का नाम सामने आया है। कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है। जहां कांग्रेस होगी वहां भ्रष्टाचार होगा।देश की जनता को पता चल चुका है। पांच साल में इन्होंने केवल भ्रष्टाचार किया है। विधानसभा में हमने इस आवाज को उठाया था। अरुण साव, उप मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़। मोदी सरकार की नाकामियों से पर्दा हटाने की साजिश लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा लोगों का ध्यान भटकाने के लिए साजिश कर रही है। भाजपा मोदी सरकार की नाकामियों व भ्रष्टाचार से पर्दा हटाने के लिए और पूर्व सीएम भूपेश बघेल की छवि खराब करने के लिए यह एफआइआर कराई है। भाजपा ने इलेक्टरोल बांड घोटाला में छह हजार करोड़ रुपये वसूला है।
पहले व्यापारियों के यहां छापा डालते हैं फिर भाजपा उनसे चंदे की राशि लेती है। भूपेश ने महादेव एप पर कार्रवाई किया था। भाजपा यह आनलाइन सट्टा का धंधा चला रही है। लोकसभा चुनाव में जनता जवाब देगी।