प्रदेश कांग्रेस ने बस्तर संभाग के बाद अब बिलासपुर में सात जून को संभागीय कार्यकर्ता सम्मेलन करने जा रही है। 2018 में 15 सीटों के साथ सदन में पहुंचने वाली भाजपा ने सबसे ज्यादा सात सीटें इसी संभाग से जीती हैं। इसलिए कांग्रेस के लिए यहां पर बेहतर प्रदर्शन करना बड़ी चुनौती होगी। क्योंकि यहां पर बहुजन समाज पार्टी और जोगी कांग्रेस के खाते में भी दो-दो सीटें हैं।
दरअसल 24 विधानसभा सीटों वाला यह संभाग पूरी तरह से मैदानी इलाका माना जाता है, और मैदानी इलाके में कांग्रेस के लिए बेहतर प्रदर्शन करना बड़ी चुनौती रही है। इस लिहाज से यहां पर टिकट वितरण के लिए कांग्रेस को काफी कसरत करनी पड़ेगी क्योंकि यहां की 13 वर्तमान विधायकों के साथ उन 11 सीटों पर भी कांग्रेस को अपना पूरा फोकस करना होगा जहां पर भाजपा या दूसरे दलों के विधायक हैं।
वैसे भी कांग्रेस पिछली बार की तरह इस बार भी कई नए चेहरों पर दांव लगाने की तैयारी कर रही है। इसलिए इन सीटों पर कई नए चेहरे भी अपनी संभावनाएं तलाश रहे हैं। इसका उदाहरण हाल ही में रायगढ़ में हुए राष्ट्रीय महोत्सव में देखने को मिला। मौजूदा विधायक के अलावा जिले के कई पदाधिकारी भी होर्डिंग के माध्यम से अपनी दावेदारी ठोकते नजर आए। एक जिला पदाधिकारी ने तो अपने को प्रबल दावेदार भी बताना शुरू कर दिया है।
कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे पदाधिकारी
सम्मेलन के माध्यम से कांग्रेस आगामी चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं की नब्ज टटोलगी। क्योंकि पिछले चुनाव में बिलासपुर संभाग में कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहा है। ऐसे में विधानसभावार विधायकों के परफार्मेंस को लेकर भी कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया जाएगा क्योंकि कांग्रेस किसी भी सूरत में इस बार अपनी सीटें बढ़ाने की कोशिश में जुटी हुई है।