भारत, मध्य पूर्व देशों और यूरोप को जोड़ने वाले कॉरिडोर का काम जल्द ही शुरू हो सकता है. जी-20 सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इनवेस्टमेंट (पीजीआईआई) और इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर का एलान करते हुए कहा कि ये भारत, पश्चिचम एशिया और यूरोप के बीच आर्थिक जुड़ाव का एक प्रभावी माध्यम बनेगा.
उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और यूरोपियन कमीशन की प्रमुख उर्सला वॉन डेर लियेन की मौजूदगी में कहा,”ये पूरे विश्व में कनेक्टिविटी और विकास को सस्टेनेबल दिशा प्रदान करेगा. मजबूत कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर मानवता सभ्यता के विकास का मूल आधार हैं.भारत ने अपनी विकास यात्रा में इस विषय को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है. फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ सोशल, डिजिटल और फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व पैमाने पर निवेश हो रहा है.इससे हम एक विकसित भारत की मजबूत नींव रख रहे हैं.”
उन्होंने कहा,” हमने ग्लोबल साउथ के अनेक देशों में एक विश्वसनीय पार्टनर के रूप में एनर्जी, रेलवे, पानी, टेक्नोलॉजी पार्क जैसे टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पूरे किए हैं. हमने डिमांड ड्रिवेन और ट्रांसपरेंट अप्रोच पर बल दिया है. पीजीआईआई के माध्यम से हम ग्लोबल साउथ के देशों में इन्फ्रास्ट्रक्चर गैप को कम करने में अहम योगदान दे सकते हैं. भारत कनेक्टिविटी को क्षेत्रीय सीमाओं में नहीं बांधता. हमारा मानना है कि कनेक्टिविटी आपसी व्यापार ही नहीं आपसी विश्वास भी बढ़ाता है.”