दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर बन रहा वाब पूर्व-मध्य अरब सागर और इससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. मौसम विभाग (IMD) की मानें तो इस चक्रवात का असर मॉनसून की एंट्री पर भी पड़ सकता है. आइए जानते हैं आईएमडी ने क्या दी जानकारी
गुजरात के पोरबंदर के दक्षिण में दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में एक दबाव उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है. जिसकी वजह से अरब सागर में एक चक्रवाती तूफान की आशंका है. मौसम विभाग की मानें तो आज, 6 जून की सुबह साढ़े पांच बजे के करीब दबाव गोवा से पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में 920 किलोमीटर, मुबंई से 1,120 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, पोरबंदर से 1,160 किलोमीटर दक्षिण और कराची से 1,520 किलोमीटर दक्षिण की तरफ था.
अरब सागर में बन रहे दवाब का मॉनसून पर असर!
मौसम विभाग ने कहा कि अगले 24 घंटे के दौरान, दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर बन रहा ये दवाब पूर्व-मध्य अरब सागर और इससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है. विभाग ने सोमवार को जानकारी दी थी कि दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर कम दबाव का सिस्टम बनने के कारण केरल की तरफ बढ़ रहे मॉनसून पर इसका असर पड़ सकता है. हालांकि, मौसम विभाग ने इस दौरान केरल में मॉनसून की एंट्री की तारीख नहीं बताई है.
इस तारीख तक हो सकती है मॉनसून की एंट्री
वहीं, मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट की मानें तो केरल में मॉनसून की एंट्री 08 या 09 जून को हो सकती है. पहले स्काईमेट ने पूर्वानुमान जताया था कि केरल में 07 जून तक मॉनसून की एंट्री हो सकती है. हालांकि, उस दौरान यह जानकारी भी दी गई थी कि इसमें तीन दिन का मार्जिन हो सकता है. स्काईमेट की मानें तो दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 08 या 09 जून को आ सकता. मॉनसून के शुरुआती मानदंड के लिए लक्षद्वीप, केरल और तटीय कर्नाटक में लगातार दो दिनों में निर्धारित वर्षा की आवश्यकता होती है. 8 जून या 9 जून को इन इलाकों में ऐसा मौसम बन सकता है