आत्मानंद संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग उठी…

आत्मानंद संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग उठी…

स्वामी आत्मानंद स्कूल मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस स्कूल की स्थापना वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री के द्वारा की गई थीं, स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में लगभग 8000 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति संविदा कर्मचारी के तौर की जा चुकी है।विज्ञापन निकालकर, सेटअप के अनुसार नियुक्त संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति की जानकारी दो बार स्कूल शिक्षा विभाग को विधिव्तभेजा जा चुका है और प्रदेश सरकार से प्राप्त अनुदान से उन्हें वेतन दिया जा रहा है ।।इसमें केन्द्र सरकार से कोई अनुदान प्राप्त नहीं होता है, इसके बावजूद इन संविदा कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया, जिसको लेकर छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इन संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है। इससे पहले एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने भी कहा था। कि, यह सभी कर्मचारी राज्य सरकार के आधीन है और इन्हें नियमित करने का पूरा अधिकार मुख्यमंत्री के पास सुरक्षित है। इन कर्मचारियों को नियमित करने में कोई तकनीकी दिक्कत भी नहीं है, क्योंकि सभी कर्मचारी राज्य सरकार के अधीन है और नियमितिकरण का वादा सरकार के घोषणा पत्र में भी था। इसलिए स्वामी आत्मानंद स्कूलों के संविदा कर्मचारियों को तत्काल नियमित किया जाना चाहिए।

इधर छत्तीसगढ SAGES संविदा शिक्षक संघ का कहना हैकि राज्य सरकार के अन्तर्गत स्कूल शिक्षा विभाग से संचालित स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में कार्यरत संविदा कर्मचारी भरपूर सेवा दे रहे है। साथ ही साथ एक अहम भूमिका निभा रहे है। भर्ती भी शिक्षा विभाग के आदेशानुसार लोक शिक्षण के द्वारा विज्ञापन जारी कर नियम के तहत तथा योग्यता तथा मैरिट के आधार पर नियुक्ति की गई है। वर्तमान में सभी 8 हजार कर्मचारी पूरे निष्ठा, समर्पण तथा ईमानदारी से विद्यार्थियों को शिक्षा एवं शाला गतिविधियों में फर्श से अर्श तक कार्य करवाया जा रहा है। इस अभिनव प्रयास के कारण ही छ. ग. राज्य में शिक्षा क्षेत्र में वर्तमान में राष्ट्र स्तर पर 37 से 34 नंबर में आ चुका है। साथ ही साथ कर्मचारी पूर्ण रूप से शासन द्वारा निर्धारित अध्यापन करने का शैक्षणिक योग्यता को पूर्ण करते हैं।

कांग्रेस का वादा

कांग्रेस के वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों ने अनियमित कर्मचारियों के संघर्ष के दिनों में संघ के मंच पर आकर आपकी सरकार बनने पर 10 दिवस में नियमित करने का वादा किया था। साथ ही साथ 2018 के जन घोषणा पत्र के 36 लक्ष्य में क्रमांक नंबर 11 में कहा गया है कि अनियमित कर्मचारी अर्थात संविदा कर्मचारियों को जो शासकीय कार्यालयों एवं विभागों में कार्यरत हैं रिक्त पदों में उनको नियमित करने की कार्यवाही की जाएगी एवं किसी भी कर्मचारी की उठनी नहीं की जाएगी और ना ही हटाया जाएगा और स्वीकृत पद के विरुद्ध पदस्य को सविलियन की जाने का वादा किया गया। आपको अवगत कराना चाहेंगे कि पूर्व में भी राज्य परियोजना कार्यालय रायपुर के तहत नियुक्त
2000, 2001, 2002 में कार्यरत शिक्षा गारंटी गुरुजी, पर्यवेक्षक, ई जी एस, वैकल्पिक शिक्षक, जनगणना शिक्षक, ऑपरेशन ब्लैक बोर्ड आदि शिक्षको को 2003 में परिवर्तन कर संविदा शिक्षक बनाया गया, फिर 2005 में इसी शासकीय विद्यालयों के संविदा शिक्षकों एवं अशासकीय अनुदान प्राप्त विद्यालयों के संविदा शिक्षकों को परिवर्तन कर पंचायत विभाग में शिक्षा कर्मी बनाया, फिर इन्ही शिक्षाकर्मियों को 2018 में सविलियन किया गया। आपके सरकार आने से पूर्व अपने घोषणा पत्र में यह घोषणा किया गया था कि विद्यालय में अध्यापन करने वाले शिक्षक अगर दो वर्ष की परीविक्षावधि पूर्ण कर चुके समस्त शिक्षको को संविलियन किया जाएगा। इस वादे के अनुसार 2020 में दो वर्ष पूर्ण किए शिक्षको को सविलियन किया गया।

SAGES में कार्यरत संविदा कर्मचारी को आपके जन घोषणा पत्र के वादों के अनुसार एवं वर्तमान घोषणा के अनुसार 27% वेतन वृद्धि य देने, नियमित/सविलियन आदेश इलेक्शन से पहले अन्य अनियमित कर्मचारियों के साथ प्रदान करने की महान कष्ट करे ।

क्योंकि SAGES कर्मचारियों को सरकार द्वारा बेसिक वेतन दी जा रही है जिससे संविलियन करने पर कोई अधिक वित भार नहीं पड़ेगा।

Chhattisgarh