बीएड डिग्री धारी बर्खास्त सहायक शिक्षकों का बेड़ियों वाला प्रदर्शन, सरकार से लगाई गुहार

बीएड डिग्री धारी बर्खास्त सहायक शिक्षकों का बेड़ियों वाला प्रदर्शन, सरकार से लगाई गुहार

रायपुर: हाथों में जंजीर और पैरों में बेड़ियों के साथ ये कोई कैदी और अपराधी नहीं बल्कि पूर्व शिक्षक हैं. जो आज रायपुर की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. ये सभबीएड डिग्रीधारी बर्खास्त सहायक शिक्षक हैं, जो आज शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव बनकर रैली में निकले हैं. बर्खास्त सहायक शिक्षक इस तरीके से जहां एक ओर शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर अपनी मांगों के जरिए सरकार से इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं.

बर्खास्त सहायक शिक्षकों ने निकाली बड़ी रैली: सभी बर्खास्त सहायक शिक्षकों ने बड़ी रैली निकाली. इस विशाल रैली के जरिए वे भगत सिंह चौक पहुंचे और शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस रैली में शिक्षकों ने शहीदों की वेशभूषा धारण कर रखी थी. मोटी-मोटी जंजीरों में जकड़े यह बर्खास्त सहायक शिक्षक इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाते रहे. उनके साथ महिला शिक्षक भी शामिल रहीं.
100 दिनों से जारी है प्रदर्शन: बर्खास्त सहायक शिक्षक लगातार अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके प्रदर्शन को लगभग 100 दिन होने वाले हैं. इसके बावजूद सरकार ने उनकी मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया है. यही वजह है कि यह बर्खास्त सहायक शिक्षक अपनी मांगों के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए कई तरीके से प्रदर्शन किया है. जिसमें धरना प्रदर्शन, क्रमिक अनशन, सामूहिक उपवास, मशाल जुलूस सहित कई तरह से प्रदर्शन शामिल हैं.

बेड़ियां पहनकर प्रदर्शन: रविवार को बर्खास्त सहायक शिक्षकों ने बेड़ियों में जकड़कर विरोध प्रदर्शन किया. इन शिक्षकों ने अपने आप को वीडियो में जकड़ कर जहां एक ओर शहीदों को श्रद्धांजलि दी, तो वहीं दूसरी ओर सरकार को दिखाने की कोशिश की की आज उनकी हालत क्या है. आज बेरोजगारी की दहलीज पर बैठे यह सहायक शिक्षक अपने आप को इन बेड़ियों में जकड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं, और इससे वे आजादी चाहते हैं ,आजादी उन्हें तभी मिल सकेगी जब सरकार उनकी मांगों को पूरा करेगी.

पहले सरकार ने बीएड डिग्री धारकों को प्राथमिक शिक्षक के पद पर भर्ती किया , अब उन्हें अयोग्य ठहरना अन्याय पूर्ण निर्णय है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार के पास अधिकार है कि वह शिक्षकों को अन्य पदों पर समायोजित करें, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है

क्या कह रहे हैं प्रदर्शनकारी शिक्षक?: बर्खास्त सहायक शिक्षकों को कहना है कि कहना है कि, इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री तथा अन्य संबंधित अधिकारियों से कई बार चर्चा की, लेकिन अभी तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है, समाधान नहीं मिल सका है. इनका कहना है कि यदि सरकार जल्द ठोस निर्णय नहीं लेती है, तो आने वाले समय में आंदोलन और उग्र होगा.

इन सभी बर्खास्त सहायक शिक्षकों की मांग है कि बीएड प्रशिक्षण सहायक शिक्षकों को सेवा और सुरक्षा दी जाए. इसके साथ ही उन्हें अन्य पदों में समायोजित किया जाए. इसी मांग को लेकर लगातार वे प्रदर्शन करते आ रहे हैं. उनका यह भी कहना है कि पहले ही प्रदेश में शिक्षकों की काफी कमी है ,बावजूद इसके सहायक शिक्षकों को निकालना अन्यायपूर्ण निर्णय है. इसलिए उनकी मांगों पर ध्यान दिया जाना चाहिए. जिससे शिक्षा व्यवस्था प्रभावित न हो सके.

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