नेताजी लोग मंत्री आजकल जनसेवा के लिए लोग नहीं बनते। शपथ लेते ही एकमात्र ध्येय बन जाता है लूट-खसोट। 24 घंटे इसी गुनतारे में… कहां से कितना निकाल लें। अब देखिए न, पिछली सरकार के एक मंत्रीजी विभाग में लूटपाट मचाए ही जिस जिले का भी उन्हें प्रभारी मंत्री बनाया गया, उनके बेटे ने वहां डीएमएफ के सप्लाई का पूरा काम ले लिया था। इससे भी मन नहीं भरा तो मंत्रीजी ने अपने जिले में बंगलादेशी रिफ्यूजियों को सरकार से मिली जमीन को भी छल-कपट करके हड़प लिया। दरअसल, 1971 में सरकार ने जब जमीन दिया था, तब वह इलाका निर्जन था। मगर 50 साल में अब वो शहर के प्राइम लोकेशन पर आ गया है। कई बड़े बिल्डरों की नजरें उन जमीनों पर थी। मगर ऐसे काम की जगह पर पहला अधिकार मंत्रीजी का बनता था। सो, उन्होंने…। जबकि, बंगलादेश से आए लोगों को जीवन यापन के लिए इस शर्त पर जमीन दी गई थी कि सिर्फ गंभीर बीमारी के इलाज के केस में ही जमीन बेच सकते हैं। मगर मंत्रीजी केपास पावर था… उनके लोगों ने जोर-जबर्दस्ती कर डॉक्टरों से गंभीर बीमारी का पर्चा बनवाया। फिर आनन-फानन में कलेक्टरों से अनुमति दिलवा अपने रिश्तेदारों के नाम पर रजिस्ट्री करवा ली। चूकि बड़ा लैंड स्कैम था, इसलिए ईडी को शिकायत की गई। ईडी ने पिछले दिनों पूर्व मंत्री के यहां छापा मारा। छापे में काफी कुछ मिल भी गया है। यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने पूर्व मंत्री को लोकसभा का टिकिट नहीं दिया। और बीजेपी इसी इंतजार में थी कि टिकिट दे कि जमीन घोटाला ओपन कर दिया जाए।