पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब इस मामले में हुगली जिले के युवा तृणमूल कांग्रेस नेता शांतनु बनर्जी को गिरफ़्तार किया है.
शुक्रवार को सात घंटे तक पूछताछ के बाद उनको गिरफ्तार किया गया. शांतनु हुगली ज़िला परिषद के कार्यकारी अधिकारी भी हैं.
ईडी के एक अधिकारी ने उनकी गिरफ़्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि बयान में कई विसंगतियों के बाद गिरफ़्तारी का फैसला किया गया.
ईडी ने इससे पहले बीती 20 जनवरी को शांतनु के आवास पर छापेमारी की थी. ईडी सूत्रों का कहना है कि घोटाले की रकम उनके पास भी पहुंचती थी. हुगली जिले के बलागढ़ स्थित उनके आवास से तलाशी के दौरान कुछ एडमिट कार्ड भी बरामद किए गए थे.
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि शांतनु ने पूछताछ के दौरान आय और खर्च का जो ब्योरा दिया था उसमनें कई विसंगतियां थीं. जांच से यह बात सामने आई है कि वह इस घोटाले में गिरफ़्तार कुंतल घोष और तापस मंडल के नज़दीकी थे. ईडी ने शुक्रवार को शांतनु को आय और खर्च का ब्योरा लेकर पूछताछ के लिए बुलाया था.
ईडी के सूत्रों ने बताया कि शांतनु के जरिए ही तापस मंडल और कुंतल घोष में परिचय हुआ था. शांतनु के घर से तलाशी के दौरान 300 उम्मीदवारों की एक सूची भी मिली थी. इस बारे में पहले भी उनसे पूछताछ की गई थी.
इस घोटाले में हुगली ज़िले के युवा तृणमूल कांग्रेस नेता कुंतल घोष की गिरफ़्तारी के बाद ही शांतनु का नाम सामने आया था.
हालांकि, कुंतल का दावा है कि वह शांतनु को नहीं जानते. लेकिन ईडी के अधिकारियों का कहना है कि कुंतल और शांतनु वर्ष 2014 से ही भर्ती घोटाले में शामिल हैं. यह दोनों लघु फिल्में बनाने वाली एक फर्म में साझेदार भी हैं.