ED-CBI जैसी एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल के खिलाफ क्यों एकजुट नहीं हो पा रहा विपक्ष?

जब विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हालिया कार्रवाइयों की बात आती है तो भ्रामक और मजेदार, दोनों तरह की राय सामने आती हैं.

पहली- मौजूदा सरकार के कट्टर समर्थकों का कहना है कि जब ED अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और हेमंत सोरेन (Hemant Soren) जैसे मुख्यमंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करती है, तो वह पूरी तरह से स्वतंत्र और निष्पक्ष होती है.

दूसरी- आम आदमी पार्टी के कट्टर समर्थकों का कहना है कि ED केजरीवाल के पीछे पड़ी है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनकी बढ़ती लोकप्रियता से डरते हैं. असल पहेली इन दो हास्यास्पद स्थितियों के बीच है.

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