राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा,जब देश का हर तीसरा युवा बेरोज़गारी का शिकार है, तब प्रधानमंत्री ने एक बार फिर उनके साथ बड़ा धोखा किया है।
इस बार धोखा आम परिवार से आने वाले, 18-18 घंटे मेहनत करने वाले उन छात्रों के साथ है जो छोटे छोटे किराए के कमरों में रह कर बड़े सपने देखते हैं।
जहां रेलवे में लाखों पद खाली हैं, वहां 5 वर्षों के इंतजार के बाद मात्र 5696 पदों की भर्ती, प्रतियोगी छात्रों के साथ अन्याय है।
रेलवे में भर्तियों को कम करने की नीति आखिर किसके फायदे के लिए बनाई जा रही है?
कहां गया हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा? कहां गया रेलवे का निजीकरण न करने का भरोसा?
एक बात बिल्कुल साफ है – मोदी की गारंटी, युवाओं के लिए खतरे की घंटी है।
हमें उनके हक़, उनके साथ न्याय के लिए आवाज़ उठानी ही होगी।