रायपुरः छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 9वें दिन बेरोजगारी दर के सर्वे पर जमकर हंगामा हुआ। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के सवाल पर विभागीय मंत्री उमेश पटेल घिरते नजर आएं। दरअसल, विधायक अजय चंद्राकर ने सीएमआईई के आंकड़ों के आधार पर सवाल किया कि क्या सरकार इसे मान्यता देती है। मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि इसे सरकार मान्यता नहीं देती, लेकिन केंद्र सरकार की संस्था एनएसएसओ द्वारा पिछले 9 साल से आंकड़े नहीं जारी किए जा रहे हैं, इसलिए प्राइवेट संस्था द्वारा जो रिपोर्ट जारी की गई है, उसे शामिल किया गया।
विधानसभा अध्यक्ष ने किया हस्तक्षेप
इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष डां. चरणदास महंत ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि आपने बेरोजगारी भत्ता देने का निर्णय लिया है। ऐसे में तो पता होना चाहिए कि बेरोजगार कौन है। इसके लिए मापदंड होना चाहिए। उन्होंने मंत्री पटेल से जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
विपक्ष का वॉकऑउट
इसके बाद फिर अजय चंद्राकर ने पूछा कि सीएमआईई के आंकड़ों को यदि मान्यता नहीं देती तो कम बेरोजगारी दर को लेकर सरकार ने दो करोड़ का विज्ञापन दिया। मंत्री उमेश पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार की संस्था एनएसएसओ द्वारा पिछले 9 साल से आंकड़े नहीं जारी किए जा रहे हैं, इसलिए प्राइवेट संस्था द्वारा जो रिपोर्ट जारी की गई है, उसे शामिल किया गया। सरकार के जवाब से नाराज विपक्ष में वॉकऑउट कर दिया।