खुशियों भरा रक्षा बंधन, आया राखी का त्यौहार,
बच्चों के चेहरे पर लाए मुस्कुराहट इस बार। रक्षा बंधन के इस पावन पर्व के अवसर पर, एनएसएस बीआईटी दुर्ग और पॉजिटिविटी एक्सओ ने स्नेह संपदा संस्था के साथ मिलकर,एक अच्छे उद्देश्य की ओर कदम बढ़ाते हुए तीन दिन का, उत्साह से त्वरित आयोजन किया। आयोजन का मुख्य उद्देश्य बौद्धिक रूप से असक्षम बच्चों को रक्षा बंधन की खुशियां देना और उनके लिए सहयोग निधि जमा करना था।
स्नेह संपदा संस्था एक ऐसी संस्था है जहां बौद्धिक रूप से असक्षम बच्चों का पालन पोषण किया जाता है। रक्षा बंधन की खुशियां उन बच्चों तक पहुंचाने, एनएसएस बीआईटी दुर्ग द्वारा तीन दिन की कार्यशाला का आयोजन किया। राखी का त्यौहार है रक्षा बंधन, इस पर केंद्रित भाव से आयोजन में राखी बनाना और उसे बेचने का कार्य किया गया। तीन दिन के इस आयोजन में दो दिन राखी बनाने का कार्य हुआ और अंतिम दिन बीआईटी दुर्ग परिसर में स्टॉल लगाकर उन रखियों को बेचने का सफल कार्य हुआ।
स्नेह संपदा के बच्चों, एनएसएस बीआईटी दुर्ग
के स्वयंसेवकों एवं पॉजिटिविटी एक्सओ ने राखियां बनाई। राखियां तो आम थी पर उन पर सजी खुशी ने उन्हें अनमोल बना दिया। राखियां बनाते हुए उन बच्चों के चेहरे पर आई खुशी अनमोल थी। एनएसएस बीआईटी दुर्ग के स्वयंसेवकों ने पूरे उत्साह के साथ इस आयोजन में अपना योगदान दिया। दो दिन में खुशी से भरे बच्चों और स्वयंसेवकों ने ५५० से ज्यादा राखियां बनाई। एनएसएस बीआईटी दुर्ग के १०० से अधिक स्वयं सेवकों ने अपना पूरा योगदान दिया।
28/08/2023 को बीआईटी दुर्ग परिसर में इन खुशियों से भरे दीयों को स्टॉल लगा कर बेचा गया।
११ बजे बीआईटी के प्राचार्य डॉ अरुण अरोरा ने फीता काट कर स्टॉल का कार्यक्रम शुरू किया, तब बीआईटी दुर्ग का समस्त स्टाफ भी उपस्थित था। स्टॉल में डोनेशन बॉक्स के साथ क्यूआर कोड की भी सुविधा उपलब्ध थी। २३००० हजार रुपयों की बड़ी राशि जमा हुई और यह राशि स्नेह संपदा संस्था को बौद्धिक रूप से असक्षम बच्चों के भविष्य के लिए दी गई। आयोजन की सफलता उन बच्चों की मुस्कान में झलकती है। आयोजन एनएसएस बीआईटी दुर्ग के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शबाना नाज़ सिद्धीकी और अभिजीत लाल के निर्देशन में किया गया एवं स्वयं सेवकों ने आयोजन के लिए पूरे उत्साह के साथ कार्य किया।