Maa Kushmanda Aarti Lyrics: इस समय शारदीय नवरात्रि के पावन दिन चल रहे हैं। आज यानी 18 अक्तूबर को शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन है। नवरात्रि के चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कूष्मांडा की पूजा का विधान है। इनकी पूजा करने से असाध्य से असाध्य रोगों से मुक्ति और अच्छी सेहत का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मां दुर्गा का यह स्वरूप अपने भक्त को आर्थिक ऊंचाईयों पर ले जाने में निरन्तर सहयोग करने वाला है। मां कूष्मांडा के आशीर्वाद से आर्थिक स्थितियां मजबूत होती हैं। साथ ही घर से दरिद्रता दूर होती है। ऐसे में आज पूजा के साथ मां कूष्मांडा की आरती जरूर करें। ऐसा करने से सुखों की प्राप्ति होती है। मां कूष्मांडा की आरती और मंत्र इस प्रकार है…
कूष्मांडा जय जग सुखदानी।
मुझ पर दया करो महारानी॥
पिगंला ज्वालामुखी निराली।
शाकंबरी माँ भोली भाली॥
लाखों नाम निराले तेरे ।
भक्त कई मतवाले तेरे॥
भीमा पर्वत पर है डेरा।
स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥
सबकी सुनती हो जगदंबे।
सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥
तेरे दर्शन का मैं प्यासा।
पूर्ण कर दो मेरी आशा॥
माँ के मन में ममता भारी।
क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥
तेरे दर पर किया है डेरा।
दूर करो माँ संकट मेरा॥
मेरे कारज पूरे कर दो।
मेरे तुम भंडारे भर दो॥
तेरा दास तुझे ही ध्याए।
भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥