छत्तीसगढ़ में सुकमा जिले के कोंटा विधानसभा का एक ऐसा गांव है जहां के लोगों ने 19 साल बाद अपने MLA को देखा है। खास बात यह है कि, इस गांव में न तो चुनाव प्रचार हुआ और न ही पार्टी प्रत्याशी ग्रामीणों से मिले। लेकिन, फिर भी गांव वाले हर बार चुनाव में कांग्रेस के कवासी लखमा को जिताते चले आए। उम्मीद थी एक दिन वे जरूर गांव आएंगे। अब जब कवासी लखमा मंत्री बने तो 19 साल बाद पहली बार नक्सलगढ़ के गांव हेलीकॉप्टर से पहुंचे। अपने MLA को देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
गोलापल्ली गांव पूरी तरह से नक्सलियों के कब्जे में था। खूंखार नक्सली, रमन्ना, हिड़मा समेत कई बड़े नक्सली लीडर्स यहां सक्रिय थे। इस गांव तक पहुंचने जिला मुख्यालय से सीधी सड़क भी नहीं है। लेकिन, चुनाव जरूर होता है। हेलीकॉप्टर से पोलिंग पार्टी गांव जाती है। वोटिंग के बाद फिर से हेलीकॉप्टर से मुख्यालय लौटती है। अंतिम बार साल 2004 में कवासी लखमा कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के साथ गोलापल्ली गांव गए थे। लखमा MLA थे, सरकार BJP की थी। जिसके बाद 19 सालों तक नक्सल खौफ और सुरक्षा की वजह से लखमा ने गांव में कदम नहीं रखा।