गुटखा, खैनी और पान मसाला, युवाओं में बढ़ रहा है ओरल कैंसर का खतरा

गुटखा, खैनी और पान मसाला, युवाओं में बढ़ रहा है ओरल कैंसर का खतरा

युवाओं में गुटखा, खैनी, पान मसाले की लत बढ़ती जा रही है. इसके शिकार ज्यादातर युवा हो रहे हैं. आश्चर्य की बात है कि, कुछ लोग सोते समय गुटखा जबड़े में रखते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि यह कुछ दिनों में घाव बना देता है और वह हिस्सा कैंसर में तब्दील हो जाता है.

तंबाकू से बने उत्पादों को सिर, गर्दन और फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण बताया जाता है. वहीं, महिलाओं में स्तन कैंसर के मामलों में भी वृद्धि हो रही है. बदलती जीवनशैली, खान-पान, देर से शादी, अधिक वजन आदि इसके कारण हैं. पिछले चार साल में एमएनजे में सर्वाइकल कैंसर के पांच हजार तक मामले सामने आ चुके हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अगर 30-35 साल से अधिक उम्र की हर महिला साल में एक बार मैमोग्राफी और पैप स्मीयर कराए तो इन दोनों कैंसर से बचा जा सकता है.

13 हजार नए कैंसर के मामले
एमएनजे में हर साल 13 हजार नए कैंसर के मामले सामने आते हैं. जहां डेढ़ लाख लोग जांच के लिए आ रहे हैं. तंबाकू से सबसे ज्यादा ओरल कैंसर का कारण बनता है. 60 फीसदी कैंसर हमारी आदतों के कारण होता है. ज्यादा नमक, बार-बार तला-भुना खाना, जंक फूड, धूम्रपान, शराब, गुटखा, खैनी, पान मसाला चबाने जैसी आदतों से लोगों को बचना चाहिए.

बीमारियों से कैसे बचें
बीमारियों से बचने के लिए वजन को नियंत्रित रखना भी आवश्यक है. रेड मीट की जगह चिकन, मछली और अंडे का सेवन करना चाहिए. खाने में फल, हरी सब्जियां शामिल करें तो बेहतर है. साथ ही नियमित व्यायाम के लिए एक घंटा निकालना चाहिए. भूख न लगना, वजन कम होना, तीन सप्ताह से अधिक खांसी आना, निगलने में दिक्कत, मल-मूत्र में खून आना, शरीर पर गांठें होना जैसे लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.”

Chhattisgarh Special