विगत दिनों इंदौर स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रो होम्योपैथी कैंपस में राष्ट्रीय इलेक्ट्रो होम्योपैथी दिवस समारोह पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी कॉन्क्लेव और डॉ. एनएल सिन्हा स्मृति परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल इंदौर द्वारा किया गया। इस आयोजन का मुख्य उदेश्य आम लोगों को इलेक्ट्रो होम्योपैथी के प्रति जागरूक करना है। देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल इंदौर के निदेशक डॉ. अजय हार्डिया के विशेष आह्वान के बाद वर्ष 2021 से मसीह-उल-हिन्द डॉ. नन्द लाल सिन्हा की जंयती पर राष्ट्रीय इलेक्ट्रो होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है। डॉ. नन्द लाल सिन्हा इलेक्ट्रो होम्योपैथी जगत में डॉ. एन.एल सिन्हा के नाम से मशहूर हैं। भारतीय जमीं पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी के विकास व् विस्तार में डॉ. एन.एल. सिन्हा का योगदान अतुलनीय रहा है। इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए देश के विभिन्न राज्यों के लगभग 100 इलेक्ट्रो होम्योपैथ चिकित्सक विशेष रूप से शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. आशीष हार्डिया व् डॉ. शिल्पा हार्डिया ने किया। समारोह के दौरान देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल इंदौर के निदेशक डॉ. अजय हार्डिया द्वारा इलेक्ट्रो होम्योपैथी जगत का सबसे सर्वोच्च सम्मान डॉ. एन. एल. सिन्हा अवार्ड 2023 की घोषणा की गई।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल इंदौर के निदेशक डॉ. अजय हार्डिया ने कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी के बिना स्वस्थ भारत की कल्पना अधूरी है। डॉ. हार्डिया ने आगे कहा कि डॉ. एन.एल. सिन्हा बीसवीं शताब्दी में कैंसर मरीजों का सफल इलाज करने के लिए जाने जाते थे, आज उनकी ही प्रेरणा से हम इलेक्ट्रो होम्योपैथी के माध्यम से कैंसर मरीजों का सफल इलाज कर रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी की मान्यता के लिए डॉ. सिन्हा ने वर्ष 1951 में एक माह तक आमरण अनशन किया था, मगर सरकार आज 72 वर्ष बाद भी इलेक्ट्रो होम्योपैथी को लेकर गंभीर नहीं है।
कार्यक्रम में आये इलेक्ट्रो होम्योपैथ्स चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती मनीषा शर्मा ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी पर बल देते हुए कहा कि मौजूदा दौर में इस वक्त हमारी सबसे बड़ी चुनौती है कि हम इलेक्ट्रो होम्योपैथी में आदर्श संस्थान विकसित करें क्योंकि आदर्श संस्थानों के माध्यम से ही हम इलेक्ट्रो होम्योपैथी का लाभ जन कल्याण में समर्पित कर सकते हैं।
डॉ. एनएल सिन्हा सम्मान का उदेश्य
यह सम्मान विशेष रूप से उन हस्तियों को दिया जाता है जो अपने विपरीत परिस्थितयों के बीच इलेक्ट्रो होम्योपैथी के माध्यम से आम जन की स्वास्थ्य सेवाओं में भूमिका निभाते हुए स्वस्थ राष्ट्र बनाने के लिए अहम पहल कर रहे हैं। इस सम्मान का मुख्य उदेश्य इलेक्ट्रो होम्योपैथी के विभूतियों के प्रेरणात्मक अवदान से राष्ट्र को परिचित कराना है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी की खोज तो डॉ. कॉउंट सीजर मैटी द्वारा की गई थी, परन्तु भारत में इसे वास्तविक रूप से स्थापित करने का श्रेय डॉ. एन. एल. सिन्हा जी को जाता है। यही वजह है कि डॉ. एन. एल. सिन्हा जी की जयंती पर इलेक्ट्रो होम्योपैथी के क्षेत्र में बेहतर कर रहे शख्सियतों के सम्मान हेतु डॉ. एन. एल. सिन्हा सम्मान प्रस्तुत किया जाता है।
वर्ष 2023 में इन्हें दिया गया सम्मान
1.डॉ. राधिका यादव
- डॉ. मनोजित आचार्य
3 डॉ. संतोष सिंह गौतम
- डॉ. हिमालया पटेल
इलेक्ट्रो होम्योपैथी दवाओं से मिल रहे अविश्वसनीय परिणाम पर देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल इंदौर की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती मनीषा शर्मा ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी कॉन्क्लेव और डॉ. एनएल सिन्हा स्मृति परिचर्चा में भाग ले रहे चिकित्सकों से की अपील, अपील में शत प्रतिशत इलेक्ट्रो होम्योपैथी दवाओं से प्रैक्टिस करने के लिए शपथ की मांग। शपथ के समर्थन में तालियों की आवाज से गूंज उठा ऑडिटोरियम।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी कॉन्क्लेव और डॉ. एनएल सिन्हा स्मृति परिचर्चा के शुभारम्भ के दौरान दीप प्रज्वलित करते देवी अहिल्या कैंसर हॉस्पिटल इंदौर के निदेशक डॉ. अजय हार्डिया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती मनीषा शर्मा, डॉ. ममता शुक्ला, डॉ. आर.के. महेश्वरी, धर्मेश श्रीवास्तव, डॉ. मोहमद अरशद।