स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने विधानसभा को बताया कि 2024-25 में उपकरणों की खरीद के लिए 120 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित था, लेकिन कुल 385 करोड़ रुपए की खरीदी कर ली गई।
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन लिमिटेड का दवा खरीदी घोटाले पर छत्तीसगढ़ विधानसभा का पारा चढ़ गया। बीजेपी के विधायकों ने अपनी ही सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया।
बीजेपी के सीनियर एमएलए अजय चंद्राकर ने यह सवाल उठाया। उन्होंने रीएजेंट और मेडिकल उपकरणों की खरीदी में हुए घोटाले पर जवाब मांगा। इस सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि इस घोटाले में ईओडब्ल्यू 15 अधिकारियों के खिलाफ जांच कर रही है।
बिना बजट के 385 करोड़ की दवा खरीदी
इस घोटाले में कमाल पर कमाल हुए हैं। बजट सिर्फ 120 करोड़ था और 385 करोड़ की दवाइयों की खरीदी कर ली गई। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 2024-25 में उपकरणों की खरीद के लिए 120 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित था, लेकिन कुल 385 करोड़ रुपए की खरीदी कर ली गई। विभागीय जांच के बाद मामला EOW को सौंपा गया है, और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है।
अजय चंद्राकर ने बगैर बजट के खरीद को लेकर सवाल उठाया और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी मांगी। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि जांच रिपोर्ट मंगवाई गई है, और 15 अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
मोक्षित कार्पोरेशन के साथ मिलकर घोटाला
मेडिकल सर्विस कार्पोरेशन के अधिकारियों ने दवा सप्लायर मोक्षित कार्पोरेशन के साथ मिलकर दवा खरीदी में बड़ी गड़बड़ी की। बीजेपी विधायक ने पूछा कि क्या मोक्षित कॉरपोरेशन ने इस गड़बड़ी में भूमिका निभाई है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बगैर मांग के आपूर्ति की गई और तय दर से कई गुना अधिक कीमत पर सामान बेचा गया। प्रथम दृष्टया सप्लायर को जेल भेजा गया है और मामले की जांच जारी है।