पहले सत्येंद्र जैन, फिर मनीष सिसोदिया और अब राज्यसभा सांसद संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के तीनों वरिष्ठ नेता जेल में हैं. सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह को दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया है.
बुधवार, चार अक्टूबर को करीब दस घंटे की लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने संजय सिंह को गिरफ्तार किया.
इससे पहले ‘अमर्यादित व्यवहार’ के आरोप में उनके साथ-साथ राघव चड्ढा को भी राज्यसभा से निलंबित किया गया था.
ऐसे में सवाल उठता है कि अरविंद केजरीवाल के इर्द-गिर्द घूमने वाली आम आदमी पार्टी की राजनीति पर इसका क्या असर पड़ेगा?
क्या इस जांच की आंच केजरीवाल तक भी पहुंचेगी? और हाल ही में संजय सिंह की गिरफ्तारी ने उनकी मुश्किलें कहां तक बढ़ा दी हैं?
अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हैं. वे पार्टी के राष्ट्रीय संजोयक भी हैं. उनके नाम पर ही दिल्ली समेत दूसरे राज्यों में चुनाव लड़े जाते रहे हैं.
ऐसे में अगर जांच की आंच उन तक पहुंचती है, तो पार्टी का क्या होगा?
वरिष्ठ पत्रकार हेमंत अत्री कहते हैं, “आम आदमी पार्टी में सेकेंड लाइन लीडरशिप पूरी तरह से खाली है. अरविंद केजरीवाल के बाद दूसरे नंबर पर मनीष सिसोदिया थे और तीसरे पर संजय सिंह, लेकिन अब ये दोनों नेता भी जेल में हैं, इससे यह संकट और बढ़ गया है.”
वे कहते हैं, “इन नेताओं की गैर-मौजूदगी में आप राघव चड्ढा और भगवंत मान का नाम ले सकते हैं, लेकिन राघव को लेकर सवाल है कि क्या इतनी कम उम्र में यह जिम्मेदारी दी जा सकती है? रही बात भगवंत मान की, तो वे खुद पंजाब में केजरीवाल की कृपा से मुख्यमंत्री बने हुए हैं. उनका दिल्ली से कोई लेना-देना नहीं है.”
सालों से आम आदमी पार्टी को कवर करने वाले वरिष्ठ पत्रकार कृष्ण मोहन शर्मा कहते हैं कि क्षेत्रीय पार्टियों के साथ अक्सर यह दिक्कत होती है कि वे एक नेता के दम पर चलती हैं. इसमें ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, लालू प्रसाद यादव, मायावती और करुणानिधि जैसे तमाम नेताओं की पार्टियां शामिल हैं।