गौतम अदानी पर लगे आरोप कितने गंभीर, उनकी कंपनियों पर क्या होगा असर?

गौतम अदानी पर लगे आरोप कितने गंभीर, उनकी कंपनियों पर क्या होगा असर?

भारत के दूसरे नंबर के सबसे अमीर शख़्स गौतम अदानी एक बार फिर मुसीबत में घिरे नज़र आ रहे हैं.

अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी और उनके भतीजे सागर अदानी और छह अन्य लोगों पर न्यूयॉर्क की अदालत में इन्डाइटमंट (आरोप पत्र) दाखिल किए गए हैं.

ये सभी अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और अजू़ूर पावर ग्लोबल से जुड़े हैं.

अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) ने आरोप लगाया है कि गौतम अदानी और उनके सहयोगियों ने भारत में अपनी रिन्युबल एनर्जी कंपनी के लिए 25 करोड़ डॉलर यानी तकरीबन दो हजार करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत दी और अमेरिका में पूंजी जुटाने के वक़्त निवेशकों से ये जानकारी छिपाई.

आरोप के मुताबिक़ ”ये अपराध अमेरिकी निवेशकों की कीमत पर किए गए हैं. इसलिए उनके ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और कामकाज में बाधा पहुंचाने का मामला चलाया जाएगा. ये सब भले ही दुनिया के किसी कोने में किया गया हो.”

एफबीआई के असिस्टेंट डायरेक्टर इंचार्ज के मुताबिक़, ”अदानी और इस मामले में उनके सहयोगियों ने रिश्वतखोरी भ्रष्टाचार के बारे में गलत बयानों के आधार पर पूंजी जुटाई और निवेशकों को धोखा दिया. इनमें से कुछ लोगों ने सरकार की जांच में अड़चन डालकर रिश्वतखोरी की साजिश छिपाने की भी कोशिश की.”

अमेरिका का सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन गौतम अदानी और उनके सहयोगियों पर स्थायी रोक लगा सकता है.

उन पर सिविल पेनल्टी लगाई जा सकती है या गौतम अदानी, सागर अदानी और दूसरे लोगों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है.

दरअसल इस इनडाइटमन्ट में रिश्वतखोरी के आरोप अदानी की कंपनी पर नहीं लगा है. ये अदानी और उनके सहयोगियों पर व्यक्तिगत तौर पर लगा है.

हालांकि इनडाइटमन्ट की ख़बर के बाद गुरुवार को शुरुआती कारोबार में ही अदानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर 20 फीसदी तक गिर गए.

अदानी एनर्जी के शेयर 16 फीसदी गिर गए. हालांकि अज़ूर पवार भारत में लिस्टेड नहीं है.

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अदानी समूह में बड़ी हिस्सेदारी खरीदने वाले पहले निवेशक सीक्यूजी पार्टनर ने ऑस्ट्रेलियाई एक्सचेंजों को अमेरिकी सिक्योरिटी एक्सचेंज कमीशन और यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट की ओर से अदानी ओर उनके सहयोगियों के ख़िलाफ़ आदेशों पर बयान जारी किया है.

सीजीक्यू ने अपने बयान में कहा है कि वह अदानी और अदानी समूह के दूसरे अधिकारियों पर लगाए गए आरोपों पर नज़र रखे हुए है.

हालांकि सीक्यूजी ने कहा है कि वो अपने पोर्टफोलियो कंस्ट्रक्शन गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन कर रहा है. सीक्यूजी पोर्टफोलियो के निवेश डाइवर्सिफाई हैं. इसके क्लाइंट्स के 90 फीसदी एसेट्स अदानी ग्रुप से बाहर निवेश किए गए हैं.

भारत में अदानी की कंपनी पर लगे रिश्वत के आरोप क्या हैं?

अमेरिकी अभियोजकों के मुताबिक़ ”भारतीय एनर्जी कंपनी” और निवेशकों को बॉन्ड जारी कर पैसे जुटाने वाली अमेरिकी कंपनी ने भारत की सरकारी कंपनी सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को एक निर्धारित दर पर आठ गीगावाट और चार गीगावाट की सोलर एनर्जी सप्लई करने का ठेका हासिल किया था.

सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को इस बिजली को देश की बिजली कंपनियों को बेचना था. लेकिन सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन को कोई खरीदार नहीं मिल सका. इसलिए अदानी ग्रुप और अज़ूर पावर से इसका परचेज एग्रीमेंट नहीं हो सकता.

इसके बाद अदानी और उनके सहयोगियों ने कुछ राज्यों में अधिकारियों को कथित तौर पर रिश्वत दी ताकि वो सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से बिजली बिजली खरीद का समझौता कर सकें.

न्यूयॉर्क के पूर्वी जिले के अटॉर्न दफ्तर के बयान में कहा गया है, ” 2020 से 2024 अदानी और उनके लोग भारतीय अधिकारियों को कथित तौर पर 25 करोड़ डॉलर यानी दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रिश्वत देने के लिए राजी हो गए ताकि वो सौर ऊर्जा से जुड़ी डील हासिल कर करें. इससे अदानी की कंपनी को 20 साल की अवधि में दो अरब डॉलर का मुनाफा हासिल होने का अनुमान था. इस मामले को लेकर गौतम अदानी कई बार भारत में अधिकारियों से निजी तौर पर मिल चुके थे.”

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