माफिया विनोद की एक आवाज पर सैकड़ों लोग जुट जाते थे। लेकिन अंतिम संस्कार में मुट्ठी भर लोग भी नहीं आए। परिजन रात 2.45 बजे माफिया विनोद का शव लेकर गोरखपुर आए। सुबह राजघाट पर अंतिम संस्कार किया गया। भाई विजय प्रकाश ने विनोद के बेटे को गोद में लेकर मुखाग्नि दिलाई। धंधे में साथ रहने वाले झांके तक नहीं।
समय सबका हिसाब रखता है। एक वक्त वह था, जब माफिया विनोद उपाध्याय की एक आवाज पर सैकड़ों लोग जुट जाते थे। एक वक्त यह भी है कि जब उसकी मौत हुई तो अंतिम संस्कार में मुठ्ठी भर लोग भी नहीं जुटे।
उसके कुछ खास लोगों में चर्चा रही कि जिन लोगों ने सबसे ज्यादा मौज मारी, वे झांके तक नहीं। महज 24-25 लोग ही राजघाट तक पहुंचे थे। भाई विजय प्रकाश ने विनोद के बेटे को गोद में लेकर मुखाग्नि दिलाई।
शुक्रवार को सुल्तानपुर में एसटीएफ की टीम से हुई मुठभेड़ में माफिया विनोद उपाध्याय को मार गिराया गया था। इसके बाद पत्नी तृप्ति उपाध्याय व भाई जयप्रकाश उपाध्याय वहां शव लेने पहुंचे। रात में वीडियोग्राफी के बीच शव का पोस्टमार्टम हुआ। घरवाले रात 2.45 बजे के करीब शव लेकर गोरखपुर के धर्मशाला स्थित आवास पर पहुंचे।
इसे लेकर पुलिस पहले से सतर्क थी। पुलिस की मौजूदगी में शनिवार सुबह दाह संस्कार कराया गया। दाह संस्कार के दौरान तीन सिपाही घाट पर तो कुछ घर पर तैनात रहे। पुलिस आने जाने वालों पर बारीकी से नजर रखे थी।
घर से लेकर राजघाट तक पुलिस का पहरा
विनोद उपाध्याय के घर से लेकर राजघाट तक पुलिस का पहरा रहा। खबर है कि घर पर बेटे-बेटी के साथ ही पत्नी के आने की वजह से ही अयोध्या की जगह गोरखपुर में माफिया का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं, जेल में बंद भाई संजय उपाध्याय ने भी अंतिम संस्कार में आने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन उसे अनुमति नहीं मिली।
घर से लेकर राजघाट तक पुलिस का पहरा
विनोद उपाध्याय के घर से लेकर राजघाट तक पुलिस का पहरा रहा। खबर है कि घर पर बेटे-बेटी के साथ ही पत्नी के आने की वजह से ही अयोध्या की जगह गोरखपुर में माफिया का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं, जेल में बंद भाई संजय उपाध्याय ने भी अंतिम संस्कार में आने की इच्छा जाहिर की थी, लेकिन उसे अनुमति नहीं मिली।
पुलिस को चकमा देकर हो गया था फरार
यूपी के टॉप 61 और जिले के टॉप-10 बदमाशों की सूची में शामिल माफिया विनोद उपाध्याय पर हाल के दिनों में गुलरिहा और फिर शाहपुर थाने में केस दर्ज किया गया था। अंडरग्राउंड क्राइम की जड़ें पुलिस ने तलाशीं तो जिले के सभी बड़े माफिया जेल में चले गए। माफिया अजीत शाही, राकेश यादव, सुधीर सिंह कोर्ट में हाजिर हो गए।