मोदी सरकार बुधवार यानी आज अपने दूसरे कार्यकाल में पहले अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है। सरकार के खिलाफ इस अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लोकसभा में बहस शुरू की। उन्होंने कहा कि पिछली बार जब मैं बोला तो अदाणी जी पर फोकस किया तो आपके सीनियर नेता को थोड़ा कष्ट हुआ। मगर मैंने सिर्फ सच्चाई रखी थी। आज जो भाजपा के मित्र हैं उन्हें डरने की जरूरत नहीं है।
हालांकि, राहुल गांधी जैसे ही बोलने के लिए खड़े हुए, भारत छोड़ो के नारे लगने लगे। राहुल ने कहा कि अध्यक्ष महोदय सबसे पहले मैं आपको मुझे लोकसभा के सांसद के रूप में बहाल करने के लिए धन्यवाद करना चाहता हूं। जब मैंने पिछली बार बात की थी तो शायद मैंने आपको परेशानी दी थी क्योंकि मैंने अडानी पर ध्यान केंद्रित किया था, शायद आपके वरिष्ठ नेता को दुख हुआ… उस दर्द का असर आप पर भी हुआ होगा। इसके लिए मैं आपसे माफी मांगता हूं लेकिन मैंने सच बोला। आज भाजपा के मेरे दोस्तों को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज मेरा भाषण अडानी पर केंद्रित नहीं है। इसके बाद हंगामा होने लगा तो कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि इन्हें अभी भी कष्ट हो रहा है।
राहुल ने भाषण जारी करते हुए कहा कि वो जो कष्ट हुआ, उसका असर आप पर हुआ होगा, इसके लिए माफी मांगता हूं, लेकिन मैंने सिर्फ सच्चाई सामने रखी थी। भाजपा के मित्रों को डरने की जरूरत नहीं है। आज का मेरा भाषण अदाणी जी पर नहीं है। आप रिलैक्स कर सकते हैं, शांत रह सकते हैं। आज मेरा भाषण दूसरी दिशा में जा रहा है। रूमी ने कहा था- जो शब्द दिल से आते हैं, वो शब्द दिल में जाते हैं। आज मैं दिमाग से नहीं बोलना चाह रहा, दिल से बोलना चाह रहा हूं। …और मैं आज आप लोगों पर इतना आक्रमण नहीं करूंगा। मतलब एक-दो गोले जरूर मारूंगा, लेकिन इतना नहीं मारूंगा।
कांग्रेस सांसद ने आगे कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान बहुत सारे लोगों ने बोला तुम क्यों चल रहे हो? शुरुआत में मेरे मुंह से जवाब नहीं निकलता था। शायद मुझे ही नहीं मालूम था कि मैंने ये यात्रा क्यों शुरू की थी। जब मैंने कन्याकुमारी से यात्रा शुरू की मैं सोच रहा था मैं लोगों के बीच जाना चाहता हूं, लोगों को समझना चाहता हूं, पर मुझे स्पष्ट मालूम नहीं था मैं क्या चाहता हूं। पर कुछ दिनों में मुझे समझ में आने लगा कि जिस चीज से मुझे प्यार था, जिस चीज के लिए मैं करने के लिए तैयार हूं, जिस चीज के लिए मैं मोदी जी के जेल जाने के लिए तैयार हूं, उस चीज को मैं समझना चाहता हूं।
राहुल ने कहा, “जब मैंने यात्रा शुरू की थी दो तीन दिन में मेरे घुटने में दर्द शुरू हो गया। हर कदम में दर्द। पहले दो तीन दिनों में जो अहंकार था, भेड़िया जो निकला था वो चींटी बन गया।”
यात्रा शुरू की तो अहंकार था
राहुल ने कहा कि वर्षों से मैं हर रोज आठ-दस किलोमीटर दौड़ सकता हूं। शुरुआत में मैंने सोचा था कि जब दस किलोमीटर दौड़ सकता हूं तो 25 किलोमीटर चलने का क्या मतलब। मैं कर सकता हूं। तब दिल में अहंकार था। मगर भारत अहंकार को एकदम मिटा देता है। एक सेकंड में मिटा देता है। दो-तीन दिन में मेरे घुटने में दर्द शुरू हुआ। पुरानी चोट थी। हर रोज, हर कदम दर्द। पहले दो-तीन दिनों में जो अहंकार था, जो भेड़िया निकला था, वह चींटी बन गया। वह पूरा अहंकार गायब हो गया। रोज मैं डर-डरकर चलता था कि क्या मैं कल चल पाऊंगा? यह मेरे दिल में दर्द था। मैं सह नहीं पा रहा था। एक लड़की आती है, एक चिट्ठी दे देती है। आठ साल की लड़की लिखती है- राहुल आय एम वॉकिंग विद यू, डोंट वरी। उस लड़की ने मुझे शक्ति दी, लाखों लोगों ने मुझे शक्ति दी। कोई किसान आता था, मैं एकदम उसे अपनी बात बताता था कि आपको ये करना चाहिए, वो करना चाहिए। हजारों लोग आए, फिर मैं बोल नहीं पाता था। जो मेरे दिल में बोलने की इच्छा थी, वह बंद हो गई। एक सन्नाटा सा छा गया। भीड़ की आवाज थी। भारत-जोड़ो, भारत-जोड़ो। जो मेरे से बात करता गया, उसकी आवाज में सुनता गया।
किसान ने कहा- उद्योगपतियों ने मेरे बीमा का पैसा छीन लिया
राहुल ने कहा कि हर रोज सुबह छह बजे से रात सात-आठ बजे तक गरीब, किसान, मजदूर, व्यापारी, सबकी आवाज सुनी। मैं बात सुनता गया। फिर मेरे पास एक किसान आया और किसान ने हाथ में रुई पकड़ी हुई थी और उसने मुझे कहा कि राहुल जी, यही बचा है मेरे खेत का और कुछ नहीं बचा। मैंने उससे पूछा कि क्या बीमा का पैसा मिला? किसान ने मेरा हाथ पकड़कर कहा कि मुझे पैसा नहीं मिला। हिंदुस्तान के बड़े उद्योगपतियों ने वह मुझसे छीन लिया। मगर इस बार अजीब सी चीज हुई। उसके दिल में जो दर्द था, वह मेरे दिल में आया। जब वह अपनी बीवी से बात करता था, वह शर्म जो उसकी आंखों में थी, वह शर्म मेरी आंखों में आई। उसके बाद यात्रा बदल गई। मुझे भीड़ की नहीं, सिर्फ उस व्यक्ति की आवाज सुनाई देती थी। उसका दर्द, उसकी चोट, उसका दुख, मेरा दुख, मेरी चोट, मेरा दर्द बन गया।
उन्होंने आगे कहा कि मैं मणिपुर गया, पर पीएम मोदी नहीं गए। शायद मणिपुर उनके लिए भारत नहीं है।