अदालतें यदि अवाम की खैर – ओ – बरकत का ख्याल रख इंसाफ करे तो उस पर अमल करना आमशहरी का फ़र्ज़ हो जाता है।

अदालतें यदि अवाम की खैर – ओ – बरकत का ख्याल रख इंसाफ करे तो उस पर अमल करना आमशहरी का फ़र्ज़ हो जाता है।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है, कि कोलहल अधिनियम के तहत ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग प्रतिबंध और नियंत्रित जिला दंडाधिकारी द्वारा किया जायेगा।

डीजे के कानफोडू आवाज ने धन्नूलाल साहू की जान ले लिया। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना किसके संरक्षण में की जा रही है।

शीतला पारा हथखोज भिलाई में बाक्स वाले साउंड सिस्टम की तेज आवाज से त्रस्त होकर 55 वर्षीय धन्नू लाल साहू ने आत्महत्या कर ली। धन्नू लाल ने समिति के लोगों से आवाज कम‌ करने का अनय – विनय बार – बार करते रहे हैं, लेकिन किसी ने उसकी बात नहीं सुनी। उल्टे समिति के अध्यक्ष गोल्डी वर्मा ने विवाद शुरू कर दिया। हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना कर, डीजे के तेज आवाज से त्रस्त होकर आखिरकार बुजुर्ग धन्नूलाल ने आत्महत्या कर लिया।

पिछले साल जिस शहर में हाईकोर्ट है, उस शहर बिलासपुर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अंधाधुंध बजाते जा रहे डीजे से एक बच्चे की मौत हो गई थी।

इसी साल सरगुजा में डीजे के झन्नाटेदार शोर से एक व्यक्ति के सर की नस फट गई और ब्रेन हेमरेज से उसकी मौत हो गई।

शरीयत के दायरे में रहकर हज़रत मोहम्मद साहब के विलादत के मौके पर मोहम्मदी जुलूस बेहद अदब व एहतराम के साथ निकली !

हज़रत मोहम्मद साहब की पैदाइश की खुशी में पूरी दुनिया में जुलूस – ए – मोहम्मदी निकाला गया। मोतीपुर – तुलसीपुर, शांतिनगर, गौरीनगर, कन्हारपुरी, गोलबाजार इलाके जमाती अपने – अपने मस्जिदों के मुतवल्लियान, इमाम साहबान और उलेमाइकराम के साथ जुलूस की शक्ल में जामा मस्जिद पहुंचे। जामा मस्जिद में परचम कुशाई की गई, मुल्क – ए – हिन्दुस्तान के लिए अमन और सुकून के लिए दुआ मांगी गई। ईद मिलाद – उन – नबी के मौके पर पूरे राजनांदगांव शहर को झिलमिल रौशनी से सजायी गई।

जामा मस्जिद में परचम कुशाई के बाद जुलूस आगे बढ़ते हुए नबी की शान में नातशरीफ पढ़ते गये –

सरकार की आमद मरहबा
आका की आमद मरहबा
आदिल की आमद मरहबा
मौला की आमद मरहबा

हमनें आंखों से देखा नही मगर
उनकी तस्वीर सीने में मौजूद हैं
जिसने लाकर कलाम – ए – इलाही दिया
ओ मोहम्मद मदीने में मौजूद हैं
फूल खिलते हैं पढ़ पढ़ के सल्लेअला
जो मगर कह रही है ये बाद – ए – सबा
ऐसी खूशब चमन के गूलों में कहां
जो नबी के पसीने में मौजूद हैं।

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