स्वतंत्रता दिवस: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण की प्रमुख बातें

स्वतंत्रता दिवस: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के भाषण की प्रमुख बातें

देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया. उन्होंने लोगों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी.

1_ मुझे यह देखकर प्रसन्नता होती है कि हमारे देश में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. आर्थिक सशक्तिकरण से परिवार और समाज में महिलाओं की स्थिति मजबूत होती है. मैं देशवासियों से आग्रह करती हूं कि वे महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दें. मैं चाहूंगी कि हमारी बहनें और बेटियां साहस के साथ, हर तरह की चुनौतियों का सामना करें और जीवन में आगे बढ़ें.

२_ स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए अपने इतिहास से फिर से जुड़ने का अवसर होता है. ये हमारे वर्तमान का आकलन करने और भविष्य की राह बनाने के बारे में चिंतन करने का अवसर भी है. आज हम देख रहे हैं कि भारत ने केवल विश्व मंच पर यथोचित स्थान बनाया है बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ाया भी है. अपनी यात्राओं और प्रवासी भारतीयों के साथ बातचीत के दौरान, मैंने अपने देश के प्रति उनमें एक ए विश्वास और गौरव का भाव देखा है.

3 – भारत पूरी दुनिया में विकास के लक्ष्यों और मानवीय सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण सहयोग निभा रहा है. भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अग्रणी स्थान बनाया है और जी20 देशों की अध्यक्षता का दायित्व भी संभाला है. चूंकि जी20 समूह दुनिया की दो-तिहाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए यह हमारे लिए वैश्विक प्राथमिकताओं को सही दिशा में ले जाने का एक अद्वितीय अवसर है. जी 20 की अध्यक्षता के माध्यम से भारत, व्यापार और वित्त के क्षेत्रों में हो रहे निर्णयों को न्यायसंगत प्रगति की तरफ ले जाने में प्रयासरत है.

4- विश्व की अधिकांश अर्थव्यवस्थाएं नाजुक दौर से गुजर रही हैं. वैश्विक महामारी के कारण हुए आर्थिक संकट से विश्व समुदाय पूरी तरह से बाहर नहीं आ पाया था कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर हो रही घटनाओं से अनिश्चितता का वातावरण और गंभीर हो गया है. फिर भी सरकार कठिन परिस्थितियों का अच्छी तरह सामना करने में सक्षम रही है. देश ने चुनौतियों को अवसर में बदला है और प्रभावशाली जीडीपी ग्रोथ भी दर्ज की है. हमारे अन्नदाता किसानों ने हमारी आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. राष्ट्र उनका ऋणी है.

5- वैश्विक स्तर पर मुद्रास्फीति यानी इंफ्लेशन चिंता का कारण बनी हुई है, लेकिन सरकार और रिजर्व बैंक इस पर काबू पाने में सफल रहे हैं. सरकार ने जन सामान्य पर मुद्रास्फीति का अधिक प्रभाव नहीं पड़ने दिया है. साथ ही गरीबों को व्यापक सुरक्षा कवच भी प्रदान किया है.

6- आदिवासियों की स्थिति में सुधार लाने और उन्हें प्रगति की यात्रा में शामिल करने हेतु विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. मैं अपने आदिवासी भाई बहनों से अपील करती हूं कि आप सब अपनी परंपराओं को समृद्ध करते हुए आधुनिकता को अपनाएं.
साल 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति से बदलाव आना शुरू हो गया है. विभिन्न स्तरों पर विद्यार्थियों और शिक्षाविदों के साथ मेरी बातचीत से मुझे पता चला है कि अध्ययन की प्रक्रिया ज्यादा फ्लेक्सिबल हो गई है. इस दूरदर्शी नीति का एक प्रमुख उद्देश्य प्राचीन मूल्यों को आधुनिक कौशल के साथ जोड़ना है. इससे आने वाले सालों में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन होंगे और देश में एक बहुत बड़ा बदलाव दिखाई देगा.

7- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन नई ऊंचाइयों को छू रहा है और उत्कृष्टता के नए आयाम स्थापित कर रहा है. इस साल इसरो ने चंद्रयान-3 लॉन्च किया है जो चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर चुका है और कार्यक्रम के अनुसार उसका विक्रम नाम लैंडर और प्रज्ञान नामक रोवर अगले कुछ ही दिनों में चंद्रमा पर उतरेंगे. हम सभी के लिए वह गौरव का क्षण होगा और मुझे भी उस पल का इंतजार है.

7- कभी कभी दुनिया में हमदर्दी की कमी महसूस होती है, लेकिन इतिहास साक्षी है कि ऐसे दौर केवल कुछ समय के लिए ही आते हैं, लेकिन करुणा हमारा मूल स्वभाव है. मेरा अनुभव है कि महिलाएं हमदर्दी के महत्व को और अधिक गहराई से महसूस करती हैं और जब मानवता अपनी राह से भटकती हैं तो वे सही रास्ता दिखाती हैं.

8- हमारे देश ने नए संकल्पों के साथ अमृत काल में प्रवेश किया है और हम भारत को साल 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

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