चंद्रयान-3 के बारे में इसरो ने ताजा जानकारी साझा की है.इसरो ने बताया, “ऑर्बिट रेजिंग के एक और चक्र का काम पूरा हो गया है. चंद्रयान-3 के अब 127609 किमीx236 किमी की कक्षा में पहुंचने की उम्मीद है.”
इसरो ने ये भी बताया है कि वो आगे अब इसमें क्या करने वाले हैं.
इसरो का कहना है कि चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान-3 को दाखिल कराने के लिहाज से अहम प्रक्रिया ट्रांसलूनर इंजेक्शन एक अगस्त को किया जाएगा.
चंद्रयान-3 मिशन
14 जुलाई को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को लॉन्च किया गया था.
इसका कुल बजट क़रीब 615 करोड़ रुपये बताया गया है. इसरो ने इस मिशन के तीन अहम लक्ष्य बताए हैं:
चंद्रयान- 3 के लैंडर की चांद की सतह पर सुरक्षित और सॉफ़्ट लैंडिंग
इसके रोवर को चांद की सतह पर चलाकर दिखाना
वैज्ञानिक परीक्षण करना.
अगर यह मिशन सफल रहता है तो भारत अमेरिका, चीन और सोवियत यूनियन के बाद चांद पर यह कारनामा करने वाला चौथा देश बन जाएगा.
चंद्रयान 3 मिशन चंद्रयान 2 के आगे की कहानी है. चंद्रयान-2 साल 2019 में सॉफ्ट लैंडिंग नहीं कर पाया था.