पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: एसआईटी ने पेश की 1241 पन्नों की चार्जशीट

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: एसआईटी ने पेश की 1241 पन्नों की चार्जशीट

छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में पुलिस ने मंगलवार को स्थानीय अदालत में आरोप पत्र पेश कर दिया है.

1200 से अधिक पन्नों वाले इस आरोप पत्र में पुलिस ने 72 लोगों को मामले का गवाह बनाया है.

इस मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल के प्रमुख आईपीएस मयंक गुर्जर ने कहा कि मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में चार अभियुक्तों सुरेश चंद्रकार, दिनेश चंद्रकार, रितेश चंद्रकार और महेंद्र रामटेके के ख़िलाफ़ 1241 पन्ने का आरोप पत्र पेश किया गया है.

मयंक गुर्जर ने कहा, “पूरी जांच के दौरान डिजिटल और भौतिक साक्ष्य को बारीकी से देखा गया है और उन्हें उचित तरीके से आरोप पत्र में शामिल किया गया है. हमारी पूरी कोशिश ये है कि दोषियों को माननीय न्यायालय कठोर से कठोर सज़ा दे.”

बीजापुर के 33 वर्षीय टीवी पत्रकार, मुकेश चंद्राकर इस साल 1 जनवरी की रात से लापता हो गए थे. बाद में 3 जनवरी को उनका शव एक सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया था. यह सेप्टिक टैंक, ठेकेदार सुरेश चंद्रकार के परिसर में था.

पुलिस ने दावा किया था कि करोड़ों की सड़क में हुए भ्रष्टाचार की ख़बर एक न्यूज़ चैनल पर दिखाई गई थी. इस ख़बर में मुकेश चंद्राकर की महत्वपूर्ण भूमिका थी, जिससे सड़क निर्माण करने वाले सुरेश चंद्रकार नाराज़ थे।

पुलिस के मुताबिक़ इसी कारण सुरेश चंद्रकार, उनके भाइयों और एक कर्मचारी ने मिल कर मुकेश चंद्राकर की हत्या को अंजाम दिया था. मुकेश चंद्राकर स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर एक निजी न्यूज़ चैनल के लिए काम करते थे.

इसके अलावा वो यूट्यूब पर एक लोकप्रिय चैनल ‘बस्तर जंक्शन’ का भी संचालन करते थे, जिसमें वे बस्तर की अंदरूनी ख़बरें प्रसारित करते थे.

बस्तर में माओवादियों की ओर से अपह्रत सुरक्षाकर्मियों या ग्रामीणों की रिहाई में मुकेश ने कई बार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

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