हनुमान-भक्त’ कमलनाथ की शिवराज चौहान को हिंदुत्व के अखाड़े में चुनौती

हनुमान-भक्त’ कमलनाथ की शिवराज चौहान को हिंदुत्व के अखाड़े में चुनौती

भोपाल शहर के शिवाजी नगर के चौराहे से होकर गुजरने वाला हर व्यक्ति अच्चम्भे में था क्योंकि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमिटी का मुख्यालय – ‘इंदिरा भवन’ भगवा झंडों और बैनरों से पटा पड़ा था.

मौक़ा था प्रदेश कांग्रेस कमिटी के ‘पुजारी प्रकोष्ठ’ की बैठक का. इस बैठक में प्रदेश के मंदिरों के पुजारियों को आमंत्रित किया गया था

कांग्रेस पर आरोप लगने लगे हैं कि वो ‘विधानसभा के चुनावों को देखते हुए हिन्दुओं को लुभाने के लिए’ ये सब कुछ कर रही ‘ हिन्दुओं के बीच छवि बनाने के लिए’ ऐसा किया जा रहा है.

इन सभी 45 प्रकोष्ठों का संचालन वरिष्ठ पार्टी नेता जेपी धनोपिया के नेतृत्व में हो रहा है. वो भारतीय जनता पार्टी के आरोपों का जवाब देते हुए कहते हैं, “कांग्रेस समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चल रही है. चाहे वो पुजारी हों, सिन्धी समाज के लोग हों, आदिवासी समाज या फिर अन्य समाज के लोग हों. संगठन में सबकी आवाज़ और मुद्दों के लिए इन प्रकोष्ठों का गठन किया गया है.”

विश्नोई का कहना था, “अब कांग्रेस के नेता पुजारियों के पास जाकर कह रहे हैं कि उनकी पार्टी की अगर सरकार बनती है तो वो मंदिरों के आसपास पुजारियों को और भी ज़्यादा ज़मीन देंगे. ये चुनावी स्टंट है. हिन्दुओं के बीच पैठ बनाना कांग्रेस के लिए उतना आसान भी नहीं है चाहे वो कितने भी प्रयास कर लें.”

विश्नोई के दावे अपनी जगह पर हैं. मगर राजनीतिक विश्लेषकों को लगता है कि जिस तरह कांग्रेस चुनावों से पहले अपनी रणनीति बना रही है उसने भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों को चिंता में डाल दिया है. ख़ास तौर पर भगवा रंग को आत्मसात करने के कांग्रेस के प्रयास भी भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनौती बन सकते हैं.

कर्नाटक में पार्टी की जीत के बाद मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बैनर और पोस्टर लगने लगे हैं जिनमे लिखा हुआ है, “हनुमान भक्त कांग्रेस पार्टी को मिला आशीर्वाद कर्नाटक में.”

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