कोटा में आत्महत्या रोकने के लिए ‘दरवाज़े पर दस्तक

कोटा में आत्महत्या रोकने के लिए ‘दरवाज़े पर दस्तक

राजस्थान के कोटा में आत्महत्या के मामलों को रोकने की मुहिम के तहत वहां के प्रशासन ने ‘दरवाज़े पर दस्तक’ नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया है.

कोटा के एसीपी चंद्रशील ठाकुर ने स्थानीय मिडिया को बताया, “हमने इसके लिए ‘दरवाज़े पर दस्तक’ नाम से एक अभियान शुरू किया है. इसके तहत होस्टल वार्डन को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वो उनके होस्टल में रहने वाले प्रत्येक छात्र के कमरे के दरवाज़े को रात 11 बजे खटखटाए और छात्र से ये पूछे कि सबकुछ ठीक है न? इस दौरान वो छात्र की गतिविधियों को देखे और इस पर ध्यान दें कि वो किसी तरह के तनाव, डिप्रेसन या असामान्य स्थिति में तो नहीं दिख रहा है.”

इसके पीछे उन्होंने वजह बताई कि “कोचिंग के बाद छात्र अपना अधिकतम समय होस्टल में बिताते हैं लिहाजा ऐसे किसी भी लक्षण पर ध्यान देने वाले वार्डन पहले व्यक्ति हो सकते हैं.”

कोटा की कोचिंग संस्थानों में पढ़ रहे छात्रों के आत्महत्या करने के मामलों में बीते दिनों में तेज़ी देखी गई है.

आत्महत्या की इन घटनाओं से आहत कोटा कोचिंग हब जहां पीजी हॉस्टल में रहने वाले छात्रों में किसी भी तरह के तनाव और डिप्रेशन के लक्षण का पता लगाने के लिए वॉर्डन, मेस कर्मचारियों और टिफ़िन सेवा देने वालों की मदद ले रहा है.

वहीं शहर की पुलिस ने अपने इस अभियान के ज़रिए मेस के कर्मचारियों और टिफ़िन सेवा देने वालों से अनुरोध किया है कि अगर कोई छात्र लगातार मेस में अनुपस्थित रहता है और खाना खाने न आ रहा हो या उसे जो टिफ़िन दी जा रही है उसका खाना वो न खा रहा हो तो ऐसे मामलों को रिपोर्ट करें.

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