संसद में गूंजा कोरबा का मुद्दा, सांसद ज्योत्सना महंत ने मांगा जवाब

संसद में गूंजा कोरबा का मुद्दा, सांसद ज्योत्सना महंत ने मांगा जवाब

कांग्रेस सांसद ज्योत्सना महंत ने लोकसभा की कार्यवाही के दौरान कोरबा का मुद्दा उठाया. संसद का ध्यान कोरबा की ओर आकर्षित करते हुए कहा कि बढ़ता प्रदूषण बड़ी समस्या है. खुले में राखड़ के फेंकने से प्रदूषण बढ़ रहा है. कोयले के परिवहन और डस्ट से दिनों दिन समस्या बढ़ रही है. सांसद ज्योत्सना महंत ने इस गंभीर मुद्दे पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री से जवाब मांगा. सांसद ने पूछा कि इन समस्याओं के लिए हल के लिए क्या किया जा रहा है.

संसद में उठा कोरबा में प्रदूषण का मुद्दा: संसद के पटल पर कोरबा के प्रदूषण का मुद्दा रखते हुए महंत ने कहा कि प्रदूषण से शहर का बुरा हाल है. स्थिति बद से बदतर हो होती जा रही है. कोरबा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पास है जो गंभीरता को बताता है. सांसद ने सदन को बताया कि कोरबा में पावर प्लांट, एनटीपीसी सहित कई परियोजनाएं काम कर रही हैं. कोरबा में एसईसीएल की कोल खदानें भी हैं. सभी वेस्ट मटेरियलन निकलता है जिनका निपटारा बड़ी समस्या है. खुले में वेस्ट मटेरियल फेंकने से समस्या और बढ़ रही है.

बीमारियों का बढ़ रहा खतरा”: सदन को ज्योत्सना महंत ने बताया कि बीमारी के साथ साथ वायु और जल प्रदूषण भी हो रहा है. हसदेव नदी भी प्रदूषण के चलते खराब हो रही है. सांसद ने कहा कि पावर प्लांट और एसईसीएल इसके साथ रेलवे मुनाफा कमा रही हैं. बदले में जनता को साफ पानी और हवा तक नसीब नहीं हो पा रहा. बीमारियों के चलते लोग परेशान हैं. अस्थमा, टीबी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की चपेट में लोग आ रहे हैं. इन बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ी है.

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने दिया जवाब: ज्योत्सना महंत के सवाल पर केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने जवाब देते हुए कहा कि वायु प्रदूषण की मॉनिटरिंग की जाती है.मॉनिटरिंग से जुड़ी सूचना जनता के बीच रखी जाती है. देश में 130 नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम चलाया जा रहा है. सभी जिलों के वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण उद्योग हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इनकी रोकथाम के लिए राज्य सरकार की जिम्मेदार तय की गई है.

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