ये दुनिया बहुत सुन्दर है। सुन्दरता सबको पसंद आती है, मन को भाती है, प्यारी लगती है। इंसान का नजरिया उसकी सुन्दरता को और बढ़ा देता है। दृष्टिकोण से ही सुन्दरता तय होती है। इंसान कैसे किससे प्रेम करता है उस से ही उसके दृष्टिकोण का आभास होता है एहसास होता है।
बेशक, प्रधानमंत्री के घर आने वाली नई मेहमान मासूम बछिया दीपज्योति के साथ प्रधानमंत्री का आलिंगनबद्ध तस्वीर सचमुच मनको भा गया है। प्रधानमंत्री का पशु, पक्षियों से प्रेम की पराकाष्ठा देखते बनती है। आज वह नजारा आंखों से जरूर ओझल हो गया है, लेकिन दिल में अभी तक समाया हुआ है, प्रधानमंत्री का मोर के साथ का वह वात्सल्य दृश्य खूब याद आता है। प्रधानमंत्री द्वारा सात समुन्दर पार से उड़ाकर लाये गये वह चीते बहुत सुन्दर लग रहे थे। अब कहां है वह चीते, आशा है, जहां भी हो सकुशल व स्वस्थ होंगे।
आईए सुन्दरता की कुछ और बानगियां देखते हैं –
कारखाना के द्वार पर श्रम कानून के अनुपालन का मांग करते पसीने से तरबतर मजदूर बहुत सुन्दर लगते हैं।
घूंटने तक साड़ी बांधकर रिमझिम बारिश के बीच धान का रोपा लगाती महिलाएं बहुत सुन्दर लगती है।
मैला – कुचैला इंसान वाहन को मरम्मत – सुधार कर मामूली सहारे से पीठ के बल घसरकर निकलते हुए कहता आपकी गाड़ी ठीक हो गया साहब …. वह पल सुन्दरता की पराकाष्ठा होती है।
देश की सरहद पर तैनात जवान की जांबाजी और देश अन्दर अपनी मांगों के लिए धरने पर बैठा किसान बहुत सुन्दर लगते हैं।
नंग – धडंग लेकिन असीम दृढ़ता के साथ जल, जंगल और जमीन के संवर्धन और संरक्षण की लड़ाई में मशगूल आदिवासी बहुत ही सुन्दर लगते हैं।
सीने में शिशु को बांधे मंदिर के छत के लिए ईंट – गारा ढ़ोती सांवली सलोनी महिला बहुत सुन्दर लगती है।
मस्जिद के मीनार के गुम्बद तक रोशनी पहुंचाने जान जोखिम में डालकर वायर पहुंचाता वह बंदा बहुत खूबसूरत लगता है।
तीसरी मंजिल पर छैली में लटककर ऑपरेशन थियेटर बनाता वह राज मिस्त्री बहुत सुन्दर लगता है।
बारहवीं कक्षा के लिए शिक्षक का मांग करती माईक पर रोती आरती बहुत सुन्दर लग रही थी, उसके बहते आंसुओं की बूंदें पत्रकारों के कैमरे के रौशनी में मोतियों के मानिंद चमक रहें थे। आरती साहू के बहते आंसुओं की रौशनी उम्मीद की किरण है।