कांग्रेस में फिर लेटर बम फूटा, भूपेश बघेल के अहंकार ने ले डूबा

कांग्रेस में फिर लेटर बम फूटा, भूपेश बघेल के अहंकार ने ले डूबा

राजीव भवन में हार की समीक्षा के लिए कांग्रेस में बैठकों का दौर जारी है और इसी बीच कांग्रेस में फिर लेटर बम फूट पड़ा है। यह लेटर कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम से सामने आया है।

इस लेटर में बगैर नाम के भूपेश बघेल को हार का जिम्मेदार ठहराया गया है। गुमनाम पात्र में कहा गया है कि भूपेश बघेल के अहंकार की वजह से हार हुई है। भूपेश के करीबियों समेत महंत, अकबर, ताम्रध्वज पर निशाना साधा गया है जिसमें महंत द्वारा भूपेश और डहरिया को निपटाने की बात कही गयी है।

बीते 4 दिनों से कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी छ्त्तीसगढ़ समेत देशभर में चुनावों में मिली हार की समीक्षा कर रही है। शुक्रवार को रायपुर, शनिवार को बिलासपुर, फिर सरगुजा संभाग की समीक्षा के दौरान कई कांग्रेसियों ने हार पर खुलकर अपना गुबार निकाला लेकिन समीक्षा के चलते दौर के बीच ही एक गुमनाम पत्र ने पार्टी के भीतर हलचल बढ़ा दी है, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के नाम से लिखे लेटर में 2024 में हार के लिए सीधे-सीधे पूर्व cm भूपेश बघेल और उनकी कैबिनेट के मंत्रियों को जिम्मेदार बताया, पत्र में लिखा गया प्रदेश में हुई हार भूपेश बघेल के अहंकार की वजह से हुई, लेटर में डॉ़ महंत, मो. अकबर, पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू पर निशाना साधा।

लिखा गया कि डॉ महंत ने भूपेश और डहरिया को निपटाया। वहीं कांग्रेसी खेमें में जारी हार की समीक्षा पर मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने तंज कसते हुए कहा कि, कांग्रेस में मंथन से हमेशा विष निकला है लेकिन विष को पीने वाला कोई नहीं है, बैठकों में हर बार लड़ाई-झगड़े होते वैसे समीक्षा की दौर पर कांग्रेस के अपने वरिष्ठ नेता भी सवाल उठा रहे हैं, पूर्व PCC चीफ धनेंद्र साहू ने कहा कि अगर यही समीक्षा विस हार के बाद हुई होती, गलतियां सुधारी गईं होंती तो नेता-कार्यकर्ता हताश ना होते।

कुल मिलाकर पार्टी की हार की समीक्षा के दौरान नेता- गुबार,

गुटबाजी और ग़लतियों जैसे सभी विष सामने आ चले हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या वाकई हार के लिए पार्टी में कोई एक चेहरा या कोई एक धड़ा जिम्मेदार है जैसे आरोप लगाए जा रहे हैं, क्या इस समीक्षा के बाद मिली फाइंडिंग्स पर कांग्रेस नेतृत्व कोई एक्शन भी लेगा? क्या इस पूरी एक्सरसाइज के बाद पार्टी सुधार, बदलाव जैसे साहसी कदम उठाएगी?

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