मदुरै में शनिवार सुबह हुए रेल हादसे में मरने वालों की तादाद बढ़कर 9 हो गई है.
मदुरै की ज़िलाधिकारी एमएस संगीता के मुताबिक़, “रविवार सुबह 5.30 बजे मदुरै रेलवे स्टेशन पर खड़े एक कोच में आग लग गई. डिब्बे में उत्तर प्रदेश से आये तीर्थयात्री सवार थे.”
ज़िलाधिकारी के मुताबिक़ सुबह कॉफ़ी बनाने के लिए जब यात्रियों ने स्टोव जलाया तो सिलेंडर में धमाका हो गया.
मीडिया से बात करते हुए ज़िलाधिकारी ने कहा, “55 लोगों को बचाया गया है और अब तक 9 शव मिले हैं. बचाव कार्य अभी चल रहा है.”
इसी बीच दक्षिण रेलवे ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए दस लाख रुपये के मुआवज़े की घोषणा की है.
उत्तर प्रदेश के ये तीर्थयात्री लखनऊ से सवार हुए थे और रामेश्वरम जा रहे थे.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ एक ट्रैवल कंपनियों ने यात्रियों के लिए इस कोच को बुक किया था.
इस डिब्बे को नागेरकोइल जंक्शन पर पुनालुर मदुरै एक्सप्रेस के साथ जोड़ा गया था और मदुरै स्टेशन के पास ट्रेन से अलग करके मदुरै की स्टेबलिंग लाइन पर इसे खड़ा किया गया था.
रेलवे की तरफ़ से जारी एक बयान में कहा गया है कि यात्री अवैध रूप से गैस सिलेंडर लेकर आये थे.
रेलवे के मुताबिक़ डिब्बे में आग लगने के बाद कई यात्री उतर गये थे. कुछ यात्री आग लगने से पहले ही प्लेटफॉर्म पर उतर गये थे.
इस प्राइवेट पार्टी कोच ने 17 अगस्त को लखनऊ से यात्रा शुरू की थी. यात्रियों को रविवार को चैन्नई वापस लौटना था और वहां से लखनऊ वापस जाना था.