महादेव सट्टा मामले में एफआईआर के डेढ़ माह बाद ईओडब्ल्यू ने जांच तेज कर दी है। मंगलवार को भिलाई के एक बड़े एजुकेशन ग्रुप के डायरेक्टर को ईओडब्ल्यू दफ्तर बुलाया गया। उनसे लंबी पूछताछ की गई है। हालांकि देर रात उन्हें छोड़ दिया गया है। महादेव सट्टा पैनल चलाने के दौरान जिन लोगों के खातों से रकम का ट्रांजेक्शन हुआ है उन्हें भी पूछताछ के लिए रोज बुलाया जा रहा है। अब तक 20 से ज्यादा लोगों से पूछताछ हो चुकी हैं।
हालांकि इस मामले में अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि ईडी ने मनी लॉड्रिंग और हवाला में जांच किया है। लेकिन ईओडब्ल्यू भ्रष्टाचार, जालसाजी और साजिश में इस मामले में जांच कर रही है। इसमें कौन-कौन अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे, उनकी क्या भूमिका थी इसकी जांच की जा रही है। इसमें पिछली सरकार के करीबी लोग भी शामिल थे। उनकी भी जांच हो रही है।
सट्टेबाजी के प्रमोटर से डायरेक्टर का लिंक: पुलिस ने भिलाई के जिस कारोबारी को मंगलवार को तलब किया था। उनका राज्य में बड़ा कारोबार है। उनका ग्रुप स्कूल, कॉलेज से लेकर मेडिकल एजुकेशन से संबंधित संस्थानों का संचालन करता है। उनका महादेव सट्टा के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी से कनेक्शन है। वो उनके साथ जुड़े हुए थे। उनके खाते में भी ट्रांजेक्शन मिला है। उनका कुछ पुलिस वालों से भी संबंध है। इसलिए उनसे सुबह 11 से रात 9 बजे तक पूछताछ हुई। इनके अलावा भिलाई के ही आधा दर्जन और लोगों को बुलाया गया था, जो इस मामले में जेल जा चुके हैं।
19 लोगों के खिलाफ एफआईआर : महादेव सट्टा एप के मामले में ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर ईओडब्ल्यू ने 4 मार्च को पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत 19 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस मामले में जेल में बंद एएआई चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, असीम दास, भीम सिंह यादव समेत 18 लोगों से पूछताछ हो चुकी है।